S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | वर्तमान समय में शिक्षा का प्रबन्धन और आवश्यकता डॉ. सन्तोष गोड़रा |
45-48 | Hindi |
2 | समकालीन हिन्दी कविता में दलित जीवन की अभिव्यक्ति डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह |
152-157 | Hindi |
3 | संस्कृत शिक्षा के विकास में बाधक तत्त्व व उसके निदान (नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० के संदर्भ सहित) डॉ गायत्री गिरीश मिश्रा |
131-135 | Hindi |
4 | भिखारी ठाकुर के वियोग वर्णन में अलौकिकता मेधावी |
115-117 | Hindi |
5 | मन्नू भंडारी की आत्मकथा ‘एक कहानी यह भी’ में स्त्री का वैवाहिक संघर्ष राय साहब पाल |
111-114 | Hindi |
6 | ’कस्तूरी कुण्डल बसै’ एवं ’पिंजरे की मैना’ के परिवार तथा समाज व्यवस्था में स्त्री राय साहब पाल |
102-105 | Hindi |
7 | हरिवंश पुराण में कुमार प्रद्युम्न की कथा डॉ. पंकज मरमट |
88-89 | Hindi |
8 | मुंशी प्रेमचंद द्वारा सम्पादित हिन्दी के प्रमुख समाचार पत्र मो० आरिफ़ अंसारी |
77-79 | Hindi |
9 | आचार्य अच्युतराय के काव्य प्रयोजन की उपादेयता श्रीमती मन्जू |
74-76 | Hindi |
10 | मानसिक तनाव प्रबन्धन में अष्टाङ्ग योग की भूमिका डॉ. ममता गुप्ता |
62-66 | Hindi |
11 | “वेदों में कृषि विज्ञान वैदिक साहित्य के परिपेक्ष्य में” डॉ. खुशेन्द्रदेव चतुर्वेदी |
60-61 | Hindi |
12 | ” कलि – कथा वाया बाइपास : रचना प्रक्रिया और अलका सरावगी “ शेर सिंह लोधी |
39-41 | Hindi |
13 | छिन्नमस्ता उपन्यास में वर्णित स्त्री जीवन बेबी अहिरवार, डॉ. घनश्याम भारती |
30-32 | Hindi |
14 | कुमारसम्भवम् एवं आधुनिक संचार पवन कुमार शर्मा |
26-29 | Hindi |
15 | डॉ. सुधा गुप्ता के साहित्य में संवेदना एवं सांस्कृतिक मूल्य शुभम राज सिंह , डॉ. सरोज गुप्ता |
19-21 | Hindi |
16 | “डार्क हॉर्स: अनगिनत सपनों की अनकही दास्ताँ’’ वैशाली रजक, डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय |
15-18 | Hindi |
17 | दाखिल ख़ारिज में बदलता ग्रामीण परिवेश प्रतीक्षा पटेल, डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय |
12-14 | Hindi |
18 | “क्षमा शर्मा की कहानियों में अभिव्यक्त स्त्री जीवन” कीर्ति गंधर्व, डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय |
08-11 | Hindi |
19 | युवा क्रांति के प्रणेता इंद्र बहादुर खरे ज्योति राठौर, डॉ. रश्मि जैन |
05-07 | Hindi |
20 | समकालीन हिंदी उपन्यासों में आदिवासी जीवन एवं राजनैतिक संघर्ष ब्रजविट्ठल गौंड |
01-04 | Hindi |
21 | आदिवासी संस्कृति में सतत विकास दृष्टिकोण डॉ. रामचंद साहू |
211-216 | Hindi |
22 | तन्त्रागमों में दीक्षा विमर्श: काश्मीर शैवदर्शन के विशेष सन्दर्भ में अनुपम आनन्द |
184-188 | Hindi |
23 | कपालभाति -षट्कर्म और भस्त्रिका -प्राणायाम के सिद्धांत अतुल कौशल |
166-169 | Hindi |
24 | कुमारसम्भव में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संचार पवन कुमार शर्मा |
163-165 | Hindi |
25 | हंस पत्रिका में प्रकाशित टेकचंद की कहानियों में दलित विमर्श (सन 2013 से 2024 तक) शुभम राठौर, डॉ. रश्मि जैन |
150-153 | Hindi |
26 | शरद पगारे के उपन्यासों में विविध आयाम: राष्ट्र, समाज एवं संस्कृति के संदर्भ में विलाश शुक्ला |
147-149 | Hindi |
27 | आदिवासी एवं पर्यावरण संरक्षण रूपल दुबे |
140-143 | Hindi |
28 | नदी जोड़ो परियोजना : एक बड़ा पर्यावरणीय संकट का आमंत्रण आदित्य प्रताप सिंह |
131-134 | Hindi |
29 | समकालीन हिन्दी कथा साहित्य में थर्डजेण्डर की सामाजिक स्थिति का अध्ययन वीरेन्द्र अहिरवार, डॉ. के.सी. जैन |
128-130 | Hindi |
30 | श्री मद्भागवत गीता में वर्णित कर्मयोग का छात्रों की निर्णय क्षमता पर प्रभाव शिवशंकर |
121-123 | Hindi |
31 | दक्षिण भारत के हिन्दू राज्य डॉ. सिन्धु कुमार मिश्र |
111-114 | Hindi |
32 | मानव के सुखी गृहस्थ जीवन पर योग दर्शन में वर्णित चित प्रसादन के उपाय का प्रभावः- बलवीर सिंह |
93-97 | Hindi |
33 | आधुनिक काल में भारतीय ज्ञान परम्परा का महत्व डॉ. जयवन्त चौधरी |
85-87 | Hindi |
34 | बौद्ध-सिद्धों के तान्त्रिकत्व का विश्लेषणात्मक अध्ययन सीमा, डॉक्टर आशीष पाण्डेय |
71-74 | Hindi |
35 | अध्यासवाद और शांकर अद्वैत दर्शन: संजीता कुमारी |
69-70 | Hindi |
36 | महाकवि कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में लोकपरंपरा डॉ. के. आर. सूर्यवंशी |
63-65 | Hindi |
37 | योग में यौगिक चिकित्सा का आयाम डॉ पूनम आहूजा |
56-58 | Hindi |
38 | गाङ्गेयम् उपन्यास में वर्णित तीर्थ स्थल एवं उनका माहात्म्य राकेश कुमार गोरा, प्रो. डॉ. सीमा चौधरी |
41-44 | Hindi |
39 | वैदिक यज्ञों का इतिहास एवम उनमें निहित विज्ञान सोनल नरवरे |
34-40 | Hindi |
40 | रीतिकाव्य और स्त्री यौनिकता के सवाल डॉ० गरिमा सिंह |
12-15 | Hindi |
41 | श्रीमद्भागवत गीता में निहित योग तत्वों का विद्यार्थियों के समग्र विकास पर प्रभाव शिवशंकर |
163-164 | Hindi |
42 | योग दर्शन और भावनात्मक बुद्धिमत्ता मानसिक संतुलन और आत्मसंयम का विश्लेषण मनदीप अवाना |
160-162 | Hindi |
43 | सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक का दक्षिणी अभियान डॉ. सिन्धु कुमार मिश्र |
155-159 | Hindi |
44 | पतंजलि योग सूत्र और गृहस्थ आश्रम: विधिवत समीक्षा बलवीर सिंह |
149-151 | Sanskrit |
45 | प्राचीन भारत में शासन पद्धतिः पंचतंत्र एवं कौटिल्य के सप्तांग सिद्धान्त की तुलना सोनाली नरवरे |
127-130 | Hindi |
46 | षड् आस्तिक दर्शनों में वेदान्त दर्शन और उसके प्रमुख मत श्याम सुन्दर पारीक, डॉ.भेषराज शर्मा |
109-112 | Hindi |
47 | सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति में वैष्णव सम्प्रदाय पंकज वैष्णव, डॉ.भेषराज शर्मा |
105-108 | Hindi |
48 | ‘टोपी शुक्ला – समाज की कटु सच्चाई’ डॉ राही मासूम रज़ा रुक्मणि |
101-104 | Hindi |
49 | महाकवि निरंजन मिश्र जी के गंगापुत्रावदानम् महाकाव्य का महाकाव्यत्व मनोज कुमार शर्मा |
78-81 | Hindi |
50 | महाभारत मे वर्णित समाज एवं सामाजिक मूल्य (महाभारत में वर्णित समाज एक परिचयात्मक स्वरुप) राकेश प्रसाद सेमवाल |
68-73 | Hindi |
51 | श्रीशिवमहापुराण के माहात्म्य का तात्विक स्वरूप नवीन भट्ट |
63-67 | Hindi |
52 | ‘स्पीति में बारिश’ यात्रा वृत्तांत में प्रकृति एवं जनजीवन का चित्रण अकबरअली शेख |
33-35 | Hindi |
53 | नासिरा शर्मा के उपन्यासों में स्त्री सशक्तिकरण के विविध आयाम स्वालियाबेगम आर. कोप्पल, प्रो.श्रीमती राजु एस.बागलकोट |
25-27 | Hindi |
54 | द्विवेदीयुगीन कविता में देश-काल डॉ. अनिल कुमार |
21-24 | Hindi |
55 | भगवती के अनन्त रूपों में एक रूप है दीप्तज्वालेश्वरी दीपक राज थपलियाल |
15-18 | Hindi |
56 | कृष्णा सोबती के कथा साहित्य में भाषा मन्सूर अली. तेट्टु |
182-184 | Hindi |
57 | भारत में मुस्लिम शासन का उदय डॉ. सिन्धु कुमार मिश्र |
165-168 | Hindi |
58 | हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता और महीप सिंह रश्मिरेखा बेहेरा, डॉ. सुशांत कुमार विश्वाल |
162-164 | Hindi |
59 | आज के समय में अनादि वैदिक सनातन संस्कृति की आवश्यकता और महत्त्व पंकज वैष्णव, डॉ.भेषराज शर्मा |
151-152 | Hindi |
60 | राजस्थान की राजनीति, स्वतंत्रता आंदोलन, धर्म और साहित्य में श्रीनिम्बार्क सम्प्रदाय के आचार्यो का योगदान श्याम सुन्दर पारीक, डॉ.भेषराज शर्मा |
145-150 | Hindi |
61 | ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य -‘गोदान’ लेखक – मुंशी प्रेमचंद रुक्मणि |
140-144 | Hindi |
62 | श्रीमद्भागवत महापुराण में माया का स्वरूप हिमांशु रतूड़ी |
122-124 | Hindi |
63 | वेदों में कर्म सिद्धांत के स्वरूप का विश्लेषण ओम जी, स्वागतिका दाश |
115-118 | Hindi |
64 | योगाभ्यास से सकारात्मक चिन्तन की प्राप्ति – एक विवेचनात्मक अध्ययन वर्षा, डॉ. दिलीप कुमार तिवारी |
90-92 | Hindi |
65 | स्वामी विवेकानंद की योग साधना पद्धति की उपयोगिता शशांक गुप्ता, डॉ. गणेश प्रसाद गुप्ता |
86-89 | Hindi |
66 | प्रकृति, प्रेम और भक्ति: विद्यापति की कविता के आध्यात्मिक आयामों का अनावरण शशांक तिवारी |
33-39 | Hindi |
67 | पंचतंत्र में राजनीतिक विचार आकांक्षा द्विवेदी |
30-32 | Hindi |
68 | गीतादर्शन में “ध्यानयोग” का अवलोकन निमेश कुमार सिंह |
14-17 | Hindi |
69 | गर्भसंस्कार में प्रयुक्त मंत्रों का विश्लेषण: एक विस्तृत अध्ययन शुभम राय, डॉ उर्वशी सी पटेल |
04-07 | Hindi |
70 | कटपयादि संख्या प्रणाली का सोदाहरण विश्लेषण डॉ. दिनकर मराठे |
206-207 | Hindi |
71 | ‘कसमै देवाय’ उपन्यास में निर्वासितों की स्थिति अंकिता महापात्र , डॉ. विदुला रामालक्ष्मी |
186-189 | Hindi |
72 | झारखण्डशतकम् का समीक्षात्मक अध्ययन निमेश कुमार सिंह |
166-170 | Hindi |
73 | जुलूस उपन्यास में विभाजन के सांस्कृतिक घाव डॉ. गौरी त्रिपाठी |
159-163 | Hindi |
74 | वर्तमान में दायभाग के विभाजन की प्रासङ्गिकता डॉ. रविदत्त शर्मा |
153-156 | Hindi |
75 | मनुस्मृति और गरुड़ पुराण में राष्ट्रवाद तथा दंड व्यवस्था डा.पङ्कज कुमार माहाना |
145-147 | Hindi |
76 | अक्षरपुरुषोत्तमदर्शन में अक्षरब्रह्मतत्त्व विषयक विचार : अनंतकोटि मुक्तों से भिन्न तथा उत्कृष्ट होने के सन्दर्भ में डॉ. कृष्ण गजेन्द्र पण्डा |
130-136 | Hindi |
77 | मेलघाट के प्राथमिक शाला के पाठ्यक्रम में कोरकू बोली का प्रयोग डॉ. पन्नालाल लक्ष्मण धुर्वे |
78-81 | Hindi |
78 | सञ्चार एवं कालिदास नाट्यशैली मोनिका |
45-48 | Hindi |
79 | पाणिनीय व्याकरण व भोज व्याकरण के स्वर सन्धि प्रकरण का तुलनात्मक अध्ययन सोनू |
38-41 | Hindi |
80 | भारतीय संस्कृति के पर्व एवम् उनके भेद डॉ. हरेकृष्ण झा |
31-34 | Hindi |
81 | ‘अंधेर नगरी ’: समसामयिक परिप्रेक्ष्य मौसम तिवारी, डॉ. स्नेहलता दास |
19-24 | Hindi |
82 | हिन्दी कहानियों में वृद्धा स्त्रियों की व्यथा के विविध आयाम सलोनी प्रिया |
15-18 | Hindi |
83 | रामायण के परिप्रेक्ष्य में यज्ञ – विधान डॉ. सपना चंदेल, वर्षा कुमारी |
01-05 | Hindi |
84 | अलाउद्दीन खल्जी एवं सुदूर दक्षिण अभियान डॉ. सिन्धु कुमार मिश्र |
188-191 | Hindi |
85 | ‘संस्कृत मृतभाषा है : मिथक का एक विवेचनात्मक अध्ययन’ शैलेश कुमार कुशवाहा |
175-178 | Hindi |
86 | आदिवासी दर्शन और मानव कल्याण का प्रश्न अनु सुमन बड़ा |
166-168 | Hindi |
87 | अभिनवशुकसारिका में संस्कृतेतरभाषा शब्द-प्रयोग डा चमन लाल |
156-157 | Hindi |
88 | आधुनिकता और सामाजिक मूल्यों का ह्रास डॉ दीपा शर्मा |
137-139 | Hindi |
89 | वृद्धावस्था : आदर्श और यथार्थ धीरज कुमार गुप्ता, डॉ. आदित्य कुमार गुप्ता |
124-127 | Hindi |
90 | प्रयोगवादी कविता : भाषा की प्रयोगशाला सुदेश कुमार |
113-115 | Hindi |
91 | भ्रमरगीत : शहर बनाम गाँव डॉ. राजेश्वरी के. |
96-100 | Hindi |
92 | हिन्दी उपन्यासों में पर्यावरण : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन ज्योति |
93-95 | Hindi |
93 | आधुनिक युग में यज्ञों की प्रासङ्गिकता एवं वैज्ञानिकता विमलेश कुमार राय, डॉ० चूड़ामणि त्रिवेदी |
83-86 | Hindi |
94 | पुराणों में वर्णित मिथिलाञ्चल की सीमा-रेखा डॉ. हरेकृष्ण झा |
74-76 | Hindi |
95 | महिलाओं में राजनीतिक चेतना : एक दृष्टि डॉ. अमृता गहलोत |
44-46 | Hindi |
96 | आदर्श व्यक्तित्व विकास की आधारशिला: श्रीमद्भगवत गीता के विशेष संदर्भ में आचार्या मीनाक्षी कोठारी, डॉ.रामभूषण बिजल्वाण |
34-36 | Hindi |
97 | रणेन्द्र की कविताओं में स्त्री-लोक परिवेष की सहजता और सघनता रेखा कुमारी |
10-12 | Hindi |
98 | महाभारत में राजधर्म एवं मानव कल्याण का बिकास और प्रभाब Prasanjit Barman |
01-06 | Hindi |
99 | धर्मशास्त्र का औचित्य डॉ. दिनकर मराठे |
213-214 | Hindi |
100 | ।।श्रीमद्भागवत महापुराण में ईश्वर लक्षण विचार ।। हिमांशु रतूड़ी |
207-209 | Hindi |