S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | आयुर्वेदस्य ऐतिह्यम् ज्योति |
01-02 | Sanskrit |
2 | Introduction to कमलाम्बा-नवावरणकृति by Muthuswamy Dikshitar Meenal Kulkarni |
03-06 | English |
3 | Introduction to चिद्गगनचन्द्रिका by श्रीवत्स alias कालिदास Madhura Godbole |
07-09 | English |
4 | जैनागमेषु स्याद्वादस्य विमर्शः मोहन लाल शर्मा |
10-12 | Sanskrit |
5 | आदिपुराणान्तर्गतगुरुशिष्यवैशिष्ट्यम् वि.जि.के.आचार्युलु.कोगण्टि |
13-16 | Sanskrit |
6 | जातकशिरोमणि ग्रन्थोक्तरविदशाफलविचारः के.लीलासायिकृष्णशर्मा |
17-19 | Sanskrit |
7 | भारतवर्षे संस्कृतम् (अतीतवर्तमानभविष्यसन्दर्भे) Ganesh Kumar |
20-21 | Sanskrit |
8 | काण्वशतपथब्राह्मणे अग्निहोत्रविचारः प्रतापचन्द्रशर्मा.वि.एस्. |
22-24 | Sanskrit |
9 | ज्यौतिषशास्त्रे जातकभङ्गयोगविमर्शः सुनीलदत्तः |
25-26 | Sanskrit |
10 | शुक्लयजुर्वेदप्रातिशाख्योक्तं स्थितोपस्थितम्–एकमध्ययनम् प्रतापचन्द्रशर्मा.वि.एस्. |
27-29 | Sanskrit |
11 | साम्प्रतिकशिक्षाव्यवस्थायाम् आदर्शवादानुशासनस्य उपादेयता Shiben Maji |
30-32 | Sanskrit |
12 | वैदिक कालीन संगीत में दुन्दुभि,तथा भूमिदुन्दुभि वाद्य का महत्व Hema Dani |
33-35 | Hindi |
13 | प्रथम सोमनाथ ज्योतिर्लिङ्गः का एक अध्ययन डॉ.मीरा दुबे |
36-37 | Sanskrit |
14 | स्मार्त्तयागे मण्डपलक्षणम् जगन्नाथ रथः |
38-40 | Sanskrit |
15 | विश्वसाहित्ये पञ्चतन्त्रस्य स्थानम् K.Y. REVATHI |
41-42 | Sanskrit |
16 | रचनावाद में मूल्यांकन नविता |
43-44 | Sanskrit |
17 | ज्योतिर्विदकृष्णानन्द प्रणीत पाण्डुलिपि ऋषितर्पणविधिःमें संस्कार डॉ. हेमवती नन्दन पनेरु |
45-47 | Sanskrit |
18 | वेदांत दर्शन में ब्रह्म का निरूपण Asha Dwivedi |
48-50 | Sanskrit |
19 | आधुनिक संस्कृत साहित्य के विकास में स्वामी दयानन्द सरस्वती Mrs. Aaryaa Tijare |
51-54 | Sanskrit |
20 | संस्कृत वाड्मय में निहित लौकिक न्याय तथा वर्तमान प्रासङ्गिकता Dr.Chanchal Kumari |
55-56 | Sanskrit |
21 | सांख्ययोगदर्शनयोः निहित शिक्षामनोविज्ञानस्य तत्वानि सर्वेश मोहन कण्डवाल |
57-58 | Sanskrit |
22 | पञ्चमहापुरुषयोगः Dr. Krishneshwar Jha |
59-61 | Sanskrit |
23 | Role of Yoga in Vedic Rituals for Health Care K.C.S.Lokeshwar |
62-64 | English |
24 | वर्तमान जीवन में वास्तुशास्त्र की उपादेयता डॉ.उमा शंकर |
65-67 | Hindi |
25 | वास्तोष्पतिविज्ञानम् Dr.Satrughna Panigrahi |
68-69 | Sanskrit |
26 | साहित्य इतिहास-लेखन में भक्त स्त्रियाँ डॉ. कविता राजन |
70-72 | Hindi |
27 | आग्नेयबर्हिराज्यनिर्मन्थ्यादिशब्दानां प्रामाण्यम् Dr. T.S.R. Narayanan |
73-76 | Sanskrit |
28 | Technical terms of Kathakali Dr. Beena K.K. |
77-78 | English |
29 | चतुर्विधसमासस्य साधारणपर्यालोचनम् काकली सातरा |
79-81 | Sanskrit |
30 | हिन्दी कथा साहित्य और धारावाहिक : रुपान्तरण की समस्या डॉ. विपुल कुमार |
82-85 | Hindi |
31 | कुमारसम्भवमहाकाव्यस्य प्रथमसर्गे विज्ञानवैभवान्वेषणम् डा. सुशान्तकुमारराजः |
86-89 | Sanskrit |
32 | मनोधर्मपरिणामादीनां सामान्यतो निरूपणम् (Description Of The Results Of Psychological Characteristics In General) डा. यन्. वेङ्कट श्रीनिवासरावः |
90-92 | Sanskrit |
33 | व्याकरणशिक्षणविधय: प्रो. लक्ष्मीनिवासपाण्डेयः |
93-95 | Sanskrit |
34 | नशामुक्त जीवन डॉ. ए.मुक्ता वाणी |
96-98 | Hindi |
35 | श्रीदयानन्दचरितमहाकाव्ये अलङ्कारसमीक्षा आचार्य..सि.ललिताराणी |
99-101 | Sanskrit |