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1 बालरामायण में प्रतिबिम्बित आचार्य राजशेखर के काव्यशात्रीय सिद्धांत
डॅा. ममता गुप्ता
01-04
Sanskrit
2 Women empowerment through Self Help Groups- A case study of Bijaydandi Development Block in Mandla District of MadhyaPradesh
Dr. A K Gill
05-15
English
3 संस्कृत व्याकरण की महत्ता उसकी उत्पत्ति बीज, एवं वर्तमान में उसका विकासात्मकस्वरूप
वेदानन्द
16-18
Sanskrit
4 वर्तमान समय में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता
जोगिन्द्र सिंह
19-20
Sanskrit
5 The Linguist Anundoram Borooah : An Estimation
Dr. Sudeshna Bhattacharjya
21-24
English
6 आचार्य शङ्कर कृत ब्रह्मसूत्र-अध्यासभाष्य : एक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
डॉ० कपिल गौत्तम
25-32
Sanskrit
7 भारतीय दर्शन में शब्द का स्वरूप और शक्ति ग्रह
डॅा. सरोज गुप्ता
33-35
Sanskrit
8 Sanskrit Vyakaran: Panini’s Astadhyayi
Dr. Saroj Gupta
36-38
English
9 उपमा का स्वरूप एवं ऋग्वेद में वर्णित उपमानभूत प्रमुख पशुओं का वैशिष्ट्य़
दुर्गा उपाध्याय ,पो. पुष्पा अवस्थी
39-42
Sanskrit
10 मातृभूमिः स्त्री की अनुपस्थिति में विकृत सामाजिक संरचना
डॉ. हनुमत लाल मीना
46-49
Hindi
11 अथर्ववेदीय समाज में निरूपित आचार दर्शन की समीक्षा
हुमरा सुल्ताना
50-52
Sanskrit
12 मानस का राम
Dr. T. Lathamangesh
53-55
Hindi
13 परंपरा : अर्थ, अवधारणा और साहित्यिक परिवेश
Dr. Lalimol Varghese P
56-58
Hindi
14 विदग्धविलासे गुणविवेचनम्
कृष्णाराणी उपाध्याय
59-61
Sanskrit
15 The Role of Teacher in Education for Peace
Dr. Mata Prasad Sharma
62-65
English
16 स्त्रीशिक्षा
डॉ. माता प्रसाद शर्मा
66-67
Sanskrit
17 काव्यशास्त्रेषु सामाजिकप्रवृत्तयः शैक्षिकोपयोगिताश्च
डॉ.लक्ष्मीनारायणबेहेरा
68-70
Sanskrit
18 भारतीय प्राचीन प्रस्तर वेधशाला – एक अध्ययन
डा. दिनकर मराठे
71-75
Hindi
19 आर्थिक विकास का उद्देश्य मानव का विकास होना चाहिए
डॉ. ए. मुक्ता वाणी
76-79
Hindi
20 कुमारसम्भवे सामाजिकधर्मः
आचार्य..सि.ललिताराणी
80-82
Sanskrit
21 पञ्चतन्त्रे चतुर्थं तन्त्रं लब्धप्रणाशम्
आचार्य तट्टा विजयराघवाचार्यः
83-85
Sanskrit