S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | अर्थालङ्कारेषु दीपकालङ्कारस्य परिशीलनम् कमलिनी पण्डा |
01-06 | Sanskrit |
2 | अध्यात्म रामायणे श्रीरामतत्त्व विमर्शः डा. बलराम पण्डा |
07-10 | Sanskrit |
3 | न्यायवैशेषिकनये वायुस्वरूपविचारः अभीपालः |
11-15 | Sanskrit |
4 | संस्कृत वाङ्गमय में कुबेर विग्रह विमर्श ज्योति प्रसाद गैरोला |
16-18 | Hindi |
5 | भवभूते: करुणो रस: एकम् समीक्षा ड. कमलाकान्त लेङ्का |
19-22 | Sanskrit |
6 | ज्योतिषजगति दृक्कर्मणः प्रयोजनम् दिवेश शर्मा |
23-25 | Sanskrit |
7 | श्रीजीवन्यायतीर्थेन विरचितस्य दरिद्र-दुर्दैवप्रहसनस्य समीक्षात्मकमध्ययनम् शान्तनु दासः |
26-28 | Sanskrit |
8 | तन्त्रशास्त्र में कार्य – कारण मीमांसा डॉ. जया मिश्रा |
29-33 | Hindi |
9 | पण्डितप्रबोधकुमारमिश्रकृत-दूतकाव्यसमीक्षा (मानसदूतकाव्यस्य विशेषसन्दर्भे) असीमहालदारः |
34-37 | Sanskrit |
10 | कोविद -19 और भारतीय उच्च शिक्षा : समस्याएं, चुनौतियां एवं समाधान Rajan Kumar |
38-41 | Hindi |
11 | भारतीय परम्परा में यज्ञ का जीवन के साथ सम्बन्ध अरविन्द कुमार आर्य |
42-45 | Hindi |
12 | मालतीमाधवरुपकस्य नाट्यदोषविषये समीक्षा चन्दन दत्तः |
46-48 | Sanskrit |
13 | नाट्यशास्त्रीय निकषे प्रशान्तराघवस्य मूल्याङ्कनम् घनश्याम मीणा |
49-51 | Sanskrit |
14 | दर्शनशास्त्रेषु शास्त्रेषु च भक्तिलक्षणम्,भक्तिभेदाश्च Shambhu Nath Ghosh |
52-54 | Sanskrit |
15 | न्यायवैशेषिकमतेजीवात्मनः स्वरूपम् सन्तोष मण्डलः |
55-56 | Sanskrit |
16 | संस्कृतपद्यशिक्षणे श्रव्योपकरणानां योगदानम् Ranjit Bagdi |
57-60 | Sanskrit |
17 | स्थायि-व्यभिचारिविवेकः Dr. Uma C N |
61-62 | Sanskrit |
18 | अध्यासभाष्यौचित्यम् Sourav Dey |
63-67 | Sanskrit |
19 | वैदिकवाङ्गमये सूर्यस्य स्वरूपं महत्वञ्च मनोज कुमार |
68-70 | Sanskrit |
20 | केवलाद्वैते सृष्टितत्त्वविमर्शः चन्दना रायः |
71-74 | Sanskrit |
21 | सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से हिन्दी : कल, आज और कल डॉ. मीना शर्मा |
75-77 | Hindi |
22 | हरिदाससिद्धान्तवागीशविरचित-वङ्गीयप्रतापनाटककालिकसमाजवर्णनम् डॉ. सुमन्तप्रामानिकः |
78-82 | Sanskrit |
23 | वेदेषु संवत्सर विज्ञानम् मनोज कुमार |
83-85 | Sanskrit |
24 | अद्वैतवेदान्तस्य जीवविमर्शः मौसुमी अधिकारी |
86-88 | Sanskrit |
25 | समूहस्य दर्पणं – ब्राह्मणसाहित्यम् डा. सरिता महेश्वरन् |
89-91 | Sanskrit |
26 | अनर्घराघव नाटक में औचित्य विमर्श Bikash Mandal |
92-95 | Sanskrit |
27 | आधुनिक युग बनाम शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त समस्याएँ डॉ. सुनील पाटिल |
96-100 | Hindi |
28 | श्रीभाष्ये जैनमतनिरासः Dr. V. Balaji |
101-103 | Sanskrit |
29 | योगम् अवगच्छामः Dr. S.Narasimhan |
104-107 | Sanskrit |
30 | Astronomy in Sanskrit Dr. B. Keshavaprapanna pandey |
108-110 | English |
31 | वाल्मीकिरामायणे नवविधभक्तिः Dr. S.Ganesh |
111-113 | Sanskrit |
32 | आसन व्यायामयोः तुलनात्मकमध्ययनम् अद्दुनूरि राकेशः |
114-116 | Sanskrit |
33 | याज्ञवल्क्यसंहिता हठतत्त्वकौमुद्योः प्रतिपाद्यविषये भेदनिरूपणम् एस्.नागेन्द्र शर्मा |
117-119 | Sanskrit |
34 | श्रीपाञ्चरात्रवैहायसीयसंहितोक्तषडध्वविचारः Nandury Satyanarayana |
120-122 | Sanskrit |
35 | अष्टांग योग का आधुनिक युग में महत्व डॉ. सोनम |
123-124 | Hindi |
36 | समाधिः डॉ. प्रताप भोई |
125-127 | Sanskrit |
37 | आधुनिककाले कूर्मचक्रस्य भौगोलिकविश्लेषणम् देवेन्द्र कुमारः |
128-131 | Sanskrit |
38 | हृदयरोगविचारः कुलदीप कुमार: |
132-134 | Sanskrit |
39 | अभिज्ञानशाकुन्तले प्रतिफलिता शिक्षापद्धतिः अर्जुनकुमारः |
135-137 | Sanskrit |
40 | बृहस्पते: अरिष्टभड्ग विचार: कुलदीप कुमार: |
138-140 | Sanskrit |
41 | पाश्चात्यकाराणां कालिदासः Dr. Remya.S |
141-143 | Sanskrit |
42 | ज्योतिषशास्त्रानुसारेण भूपरिधिः वर्णनम् मदन लालः |
144-146 | Sanskrit |
43 | आसनानांवर्गीकरण अद्दुनूरि राकेशः |
147-149 | Sanskrit |
44 | वैदिक काल से आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा पर एक सामायिक दृष्टि विकास चंद्र मिश्र |
150-153 | Hindi |
45 | TEN’S of NATURE CURE Dr.Vijay Singh Gusain |
154-156 | English |
46 | श्रीमन्महाभारतस्य आदिपञ्चके ग्रन्थिश्लोकानुशीलनम्- तपती-संवरण वृत्तान्ते सौरशक्तिः Y.N.L.B.T.S. DEVI |
157-160 | Sanskrit |
47 | काव्येषु नाटकं रम्यं तत्र च शाकुन्तलं मतम् Dr. Shameeja P |
161-162 | Sanskrit |
48 | वैहायसीसंहितायां गरुडस्वरूपम् नण्डूरि सत्यनारायण |
163-164 | Sanskrit |
49 | श्रीगितगोविन्दे श्रीगीतसीतावल्लभे चालङ्काराः विक्रान्तसाहुः |
165-169 | Sanskrit |
50 | सुभाषितरत्नभाण्डागारे समाजहितत्वम् Gandikota Chennaiah |
170-173 | Sanskrit |
51 | The Importance of Hygiene in Buddhist Saṅgha Mrs. Deepali Patil |
174-177 | English |
52 | ज्योतिषशास्त्रे अस्थिरोग विमर्श: हरीश कुमारः |
178-181 | Sanskrit |
53 | वैदिकदृष्ट्या वनस्पतीनां चेतनत्वविचार: सोमकृष्ण: |
182-184 | Sanskrit |
54 | ज्योतिषशास्त्रे रोगविमर्श: हरीश कुमारः |
185-187 | Sanskrit |
55 | धर्मस्यपादानम् डॉ. सरोजकुमारकर |
188-189 | Sanskrit |
56 | दत्तक: योग्यता डॉ. सरोजकुमारकर |
190-191 | Sanskrit |
57 | धर्मशब्दस्य व्युत्पत्तिः Dr.Basanta Kumar Raymohapatra |
192-193 | Sanskrit |
58 | आंचलिक उपन्यासों में जीवन दृष्टि विष्णुप्रिया भुक्ता |
194-195 | Hindi |
59 | रहीम के दोहे में जीवन दृष्टि दीप्ति डिगल |
196-197 | Hindi |
60 | धर्मशास्त्रे राजधर्मः डॉ. सुदेशसिंह “शास्त्री” |
198-200 | Sanskrit |
61 | भारतीयदर्शनेषु अद्वैतदर्शनस्य स्थानं वैशिष्ट्यञ्च डॉ.आशीष यादव |
201-206 | Sanskrit |
62 | तन्त्रागमयोर्वैशिष्ट्यम् मोहन लाल शर्मा |
207-209 | Sanskrit |
63 | स्त्री और विवाह-परिवार संस्था डॉ ओंकार लाल मीणा |
210-212 | Hindi |
64 | NEW EDUCATION POLICY जातीय शिक्षानीति (2020) श्रीकान्तविश्वासः |
213-217 | Sanskrit |
65 | श्रीवैखानसभगवच्छास्त्रोक्तपुष्पोत्सवविधिः Dr T. Brahmacharyulu |
218-220 | Sanskrit |
66 | तत्त्वबोधिनी-उणादिप्रकरणस्य बालमनोरमाटीकयोः विभिन्न सूत्राणां विवेचनम् मनीष कुमार शर्मा |
221-232 | Sanskrit |
67 | मुग्धबोधव्याकरण द्विगुः समास विमर्शः रोहित कुमार सैनी |
233-235 | Sanskrit |
68 | प्रतिष्ठासुमुहूर्तकाले कर्तव्यविचारः P. Srivivasa Swamy Ayyangar |
236-238 | Sanskrit |