S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | संस्काराणामिदानीन्तनसमाजे स्थितिः लिसाराणी विन्धाणि |
01-03 | Sanskrit |
2 | भ्रमरगीतस्य एकमनुशीलनम् दिव्याराणी त्रिपाठी |
04-06 | Sanskrit |
3 | महाकवि कालिदास के साहित्य में करूण संदर्भ डॉ. के.आर. सूर्यवंशी |
07-10 | Sanskrit |
4 | विभिन्न ग्रंथों में रत्नपरीक्षा परिशीलन मिथलेश जैन |
11-13 | Hindi |
5 | विश्वसाहित्ये शृङ्गारचेतनायाः परम्परा सीताकान्त सामल |
14-16 | Sanskrit |
6 | शान्तिपर्वणि सामाजिकांशाः U. Krishnaiah |
17-19 | Sanskrit |
7 | मारक प्रकरण : पाराशरी ज्योतिष का विशिष्ट सन्दर्भ डॉ. राजीव रंजन |
20-24 | Hindi |
8 | राजवल्लभवास्तुशास्त्रानुसारेण द्विशालभवनां वर्णनम् डॉ. प्रवेशव्यासः, अमितजोशी |
25-27 | Sanskrit |
9 | संस्कृतव्याकरणशिक्षणे शिक्षणसूत्राणि (Teaching maxims in Sanskrit Vyakarana Siksanam) डा. विश्वजित् प्रामाणिकः |
28-32 | Sanskrit |
10 | समग्र स्वास्थ्य त्रिदोष एवं योग Adarsh Tomar |
33-35 | Hindi |
11 | आधुनिकसन्दर्भेषु वेदान्तदर्शनस्य प्रासङ्गिकता डॉ. हरिमोहन सिंहः |
36-37 | Sanskrit |
12 | सांगीतिक विकास मे ब्रजभाषा की भूमिका डॉ. नीता माथुर |
38-40 | Hindi |
13 | महाकवि कालिदास के महाकाव्यों में नारी सौन्दर्य वर्णन ममता यादव, लक्ष्मी देवी गुप्ता, प्रियंका यादव |
41-43 | Hindi |
14 | आख्यायिकानाम् उपादेयता Alok Chandra Parida |
44-47 | Sanskrit |
15 | संस्कृत साहित्ये विशिष्य वेदेषु मानवीया मौल्यानां स्वरूपम् Nirnala Siddarameswara Sarma |
48-50 | Sanskrit |
16 | सांख्यशास्त्रीय पुरूषस्य विमर्श: उर्मिला देवी |
51-55 | Sanskrit |
17 | संस्कृतवाङ्मये संस्कृतव्याकरणाधारितं सङ्कल्पनाचित्राणां योगदानम् अनुप्रयोगश्च कुन्दनकुमारः |
56-58 | Sanskrit |
18 | शिक्षणशास्त्र में कौशल विकास वन्दना बग्गा |
59-62 | Hindi |
19 | डा अम्बेडकर और दलित अस्मिता डा ज्योति बाला |
63-65 | Hindi |
20 | रोगसम्बन्धितोज्योतिषीयगणनानां सिद्धान्ताः अनुज कुमार: |
66-68 | Sanskrit |
21 | स्वरशास्त्रदिशा शुभाशुभफलविमर्शः जय कुमार झा |
69-72 | Sanskrit |
22 | श्रीरामाभिरामीयमहाकाव्ये सीताहरणम् अर्च्चना खमारी |
73-75 | Sanskrit |
23 | Philosophy of Tantric Buddhism in Orissa Seema rani Rath |
76-82 | English |
24 | माठरवृत्तिदिशा सृष्टिक्रमः सामाजिकोपयोगिता च Sumitra panda |
83-85 | Sanskrit |
25 | शुक्रनीतिग्रन्थालोके उपायचतुष्टयम् Debasish Sarkar |
86-88 | Sanskrit |
26 | विज्ञानेश्वरमते श्राद्धस्वरूपम् सावित्री परिडा |
89-90 | Sanskrit |
27 | रोगाणां विश्लेषणं प्रेरणा सिंह |
91-94 | Sanskrit |
28 | नीलकण्ठमतानुसारेण प्राग्जन्मसंस्काराः मदनमुग्रीः |
95-97 | Sanskrit |
29 | सुगमरामायणे राष्ट्रियभावना टि.सचिन् शर्मा |
98-99 | Sanskrit |
30 | ‘गोरा’ उपन्यास के संदर्भ में रवीन्द्र नाथ टैगोर की राष्ट्रीयता प्रियंका चौधरी |
100-104 | Hindi |
31 | संगीतमाधवकाव्ये गुणः दीपक महालिक |
105-107 | Sanskrit |
32 | समकालीन कविता में ‘लीलाधर जगूड़ी’ का तीखा स्वर गौरव शर्मा |
108-111 | Hindi |
33 | बालसभा सहषैक्षिक गतिविधि का विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति पर लिंगकारक तथा क्षेत्रीयता का अध्ययन डॉ. ऋचा मेहता |
112-117 | Hindi |
34 | समकालीन भारत में गांधी की नारी विषयक विचार की समीक्षा Dr Madhu Jha |
118-123 | Hindi |
35 | भारतीय दर्शन में वेदान्त की दृष्टि से दृश्यमान जगत Sakib Ali |
124-126 | Hindi |
36 | सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ : व्यक्तित्व और कृतित्व पुष्पा कुमारी |
127-129 | Hindi |
37 | शिक्षामहत्वप्रसङ्गे एका समीक्षा भोलेश्वरप्रधानः |
130-132 | Sanskrit |
38 | स्वातन्त्र्योत्तर संस्कृत कविताओं में गीत-विधान (रागकाव्य एवं लोकगीत) प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी, डॉ. अमित कुमार शर्मा, डॉ. ऋषिराज पाठक |
133-136 | Sanskrit |
39 | काव्यप्रकाशे मम्मट्टाचार्यानुसारेण काव्यगुणाः चित्तरञ्जन राज |
137-140 | Sanskrit |
40 | नैषधीयचरितमहाकाव्यस्य प्रथमसर्गे जीवनमूल्यशिक्षा हरेकृष्णदासः |
141-143 | Sanskrit |
41 | वर्तमानकालिकसमाजे आत्मसम्प्रत्ययस्य प्रभावः (Impact of Self-Concept in Present Society) पि. श्रीकान्तः |
144-146 | Sanskrit |
42 | देवप्रश्ने सूर्येण चिन्तनीयाः देवताः Vysakhan Kb |
147-148 | Sanskrit |
43 | देवप्रासादस्थापत्य विमर्श: केवल कुमार |
149-152 | Sanskrit |
44 | भारत की गौरवमयी संस्कृति हितेश मीना |
153-157 | Hindi |
45 | गढवालीभाषोपरि पाणिनिव्याकरणस्य प्रभावः नारायण प्रसाद नौटियाल |
158-160 | Sanskrit |
46 | उपनिषत्सु मोक्षोपायाः लेखराज सिंहः |
161-162 | Sanskrit |
47 | हलायुधभट्टोक्तदिशा छन्दश्शास्त्रे उपजातिभेदा: Pemma Ramanjaneyulu |
163-166 | Sanskrit |
48 | श्री महाभारततात्पर्यनिर्णय व्याख्यान वैशिष्ठ्यम् कुर्डि पूजार् नरसिंह: |
167-168 | Sanskrit |
49 | किरातार्जुनीयस्य काव्यसौन्दर्यम् शुचिस्मिता पाढी |
169-173 | Sanskrit |
50 | शरणागतिगद्यं तत्र श्रीः डा. सुदर्शनन् एस् |
174-176 | Sanskrit |
51 | मेधादिसिद्धिकरमन्त्राणाम् अनुशीलनम् के.वि.जनार्दन शर्मा |
177-180 | Sanskrit |
52 | हबीब तनवीर के नाटक ‘हिरमा की अमर कहानी’ में लोक रंगमंचीय परिवेश मनीष कुमार |
181-185 | Hindi |
53 | प्रणतिपञ्चाशिकाकाव्ये दशावतारवर्णनम् Nakul Kumar Sahoo |
186-189 | Sanskrit |
54 | स्वास्थ्य की दृष्टि में हठयोग की महत्ता अभिषेक कुमार |
190-192 | Hindi |
55 | चक्रों की ऊर्जा का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव जसवन्त कौर |
193-195 | Hindi |
56 | राष्ट्र के उत्थान में अष्टांग योग की भूमिका शिव शंकर |
196-198 | Hindi |
57 | पातंजल योग सूत्र में वर्णित चित्त प्रसादनों का मानव जीवन पर प्रभाव सतेन्द्र |
199-200 | Hindi |
58 | वेणीसंहारनाटके कर्णचरित्रम् देवाशिष अग्रवाला |
201-203 | Sanskrit |
59 | महाभाष्यस्य त्रिर्लोपः तदुद्धारश्च डा.यशस्वी |
204-205 | Sanskrit |
60 | कादम्बरीकथामुखे श्लेषाख्याऽर्थगुणविचारः Dr V.Suryaprabha |
206-207 | Sanskrit |
61 | Challenges and Opportunities of New Education Policy-2020: Aspects in Northeast India. Dr. Bulti Das |
208-211 | English |
62 | शुक्रनीतिसारे अर्थशास्त्रस्य प्रभावः श्रीमति शान्ता सङ्गुभट्ल |
212-214 | Sanskrit |
63 | रघुवंशमहाकाव्ये उपमालङ्कारविश्लेषणम् Dr. G. Sireesha |
215-217 | Sanskrit |
64 | ज्योतिष का प्राचीन भारतीय कालविभाजन सिद्धान्त निर्णय सुरेश कुमार शर्मा |
218-220 | Hindi |
65 | संक्रान्ति परिचयः प्रो. वि.उण्णिकृष्णन् नम्पियातिरिः |
221-222 | Sanskrit |
66 | संस्कृतसाहित्ये श्रीबेल्लङ्कोण्डरामरायकवेः योगदानम् Dr. G. Rajashekar Reddy |
223-229 | Sanskrit |