S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | व्याकरणाभिधानभाषाविज्ञानादिषु वर्णपरिवर्तनस्य परिशीलनम् नारायण प्रसाद नौटियाल |
01-04 | Sanskrit |
2 | प्रो.अरुणरञ्जनमिश्रस्य संस्कृतसाहित्यं प्रतियोगदानम् हरप्रिया पात्र |
05-06 | Sanskrit |
3 | कालिदासकाव्ययो: छन्दोविषयकं विश्लेषणम् Pemma Ramanjaneyulu |
07-10 | Sanskrit |
4 | श्रीमदनुव्याख्यानमङ्गलपद्योक्तब्रह्मसूत्रसारः करणं रामु |
11-13 | Sanskrit |
5 | ज्योतिषशास्त्रस्यदृष्टया संपत्तियोगानां च राजयोगः विमर्शः अमित शर्मा |
14-16 | Sanskrit |
6 | श्रीमदनुव्याख्यानोक्तमुक्तिसोपानानि करणं रामु |
17-19 | Sanskrit |
7 | एच्.वि.नागराजवर्यस्य शतककाव्येषु अलङ्काराणां परिशीलनम् किरण शङ्कर भट्टः |
20-24 | Sanskrit |
8 | ऋक्प्रातिशाख्ये उच्चारणस्थानानि चिदानन्दशास्त्री |
25-26 | Sanskrit |
9 | स्त्री विमर्श का समकालीन परिदृश्य : स्त्री-जीवन के विविध रूप श्रवण सरोज |
27-30 | Hindi |
10 | अल्लमप्रभुभगवद्गीतोक्तञ्च अद्वैतदिग्दर्शनम् – तूर्यतूर्यावस्थाद्वयम् नागलिङ्ग सं माळेद, डा. वीरनारायण पाण्डुरङ्गि |
31-33 | Sanskrit |
11 | अल्लमप्रभुभगवद्गीतोक्तञ्च अद्वैतदिग्दर्शनम् – कोशपञ्चकम् नागलिङ्ग सं माळेद, डा. वीरनारायण पाण्डुरङ्गि |
34-38 | Sanskrit |
12 | सोमयागस्वरूपनिरूपणम् अभिजीत अविनाश देशपांडे |
39-42 | Sanskrit |
13 | महाभारतमाधारीकृत्य महाभारततात्पर्यरक्षायाः चिन्तनम् देवाशिषपालः |
43-46 | Sanskrit |
14 | गुप्तपाशुपते अलङ्कारानुशीलनम् शुचिस्मिता पाढी |
47-49 | Sanskrit |
15 | भारतीय कालविमर्श डा. कृष्णकान्त पाण्डेय |
50-53 | Sanskrit |
16 | गर्भाधान संस्कार डा. आशुतोष कुमार झा |
54-56 | Hindi |
17 | कुतुबमीनार (मेरूस्तम्भ) से कुतुबुद्दीन ऐबक का कोई सम्बन्ध नहीं : पंचसिद्धान्तिका के अनुसार ज्योतिषिय परिप्रेक्ष्य Dr. Jitendra Vyas |
57-62 | Hindi |
18 | अपरोक्षज्ञानसाधनानि कुर्डि पूजार् नरसिंह: |
63-65 | Sanskrit |
19 | आधुनिकशिक्षाव्यवस्थायां संस्कृतशिक्षकस्य भूमिका विष्णुपदसाहुः |
66-70 | Sanskrit |
20 | लिङ्गपूजा हिमांशु देवेन्द्र जोशी |
71-73 | Sanskrit |
21 | हरेः सर्वान्तर्यामी एकदेशीस्वरूपत्वं नोभालजिन महारणा |
74-75 | Sanskrit |
22 | योगशास्त्रे चक्राणि, एकमध्ययनम् Sonalin Samanta |
76-79 | Sanskrit |
23 | साहित्य और समाज का अंतर्संबंध अतुल कुमार |
80-82 | Hindi |
24 | शुक्लयजुर्वेदकाण्वशाखानुसारेण नवग्रहमन्त्राणां विचारः Dr.S.Sitarama rao |
83-86 | Sanskrit |
25 | सांख्यशास्त्रीय प्रकृतयाः विमर्श: उर्मिला देवी |
87-88 | Sanskrit |
26 | साम्प्रदायिकभेदाभेदरक्षणाय श्रीमद्भगवद्गीतायाः प्रयोजनीयता मिठुनषोघः |
89-91 | Sanskrit |
27 | संस्कृतवाङमये जैनकवीनामवदानम् मालती साहु |
92-93 | Sanskrit |
28 | अप्रकाशितनवमालिकानाटिकायाः नाटिकालक्षणसमन्वयः एवञ्चार्थोपक्षेपकार्थप्रकृत्यवस्थानां परिशीलनम् रागि वेङ्कटाचारी |
94-99 | Sanskrit |
29 | वैदिक नक्षत्रावलोक संजीव कुमारः |
100-102 | Sanskrit |
30 | हिमानीकाव्ये प्रकृतेर्नैसर्गिकचित्रणम् अनुराधा बेहेरा |
103-107 | Sanskrit |
31 | वैदिकसाहित्ये राशयः संजीव कुमारः |
108-111 | Sanskrit |
32 | Geobotanical Content In Brihat Samhita Sabita Dash, Dr. Niranjan Sabar |
112-116 | English |
33 | राष्ट्रियशिक्षानीतिम् (2020) अभिलक्ष्य शिक्षाशास्त्रे आदर्शशोधस्वरुपम् विश्वामित्र रायः |
117-121 | Sanskrit |
34 | भारतीय ज्ञान परम्परायां हंससन्देश काव्ये मूल्यानां वैशिष्ट्यम् (राष्ट्रियशिक्षानीतिः 2020 सन्दर्भे) विश्वामित्र रायः |
122-126 | Sanskrit |
35 | इक्कीसवीं सदी और हिंदी कहानी का बदलता रूप डॉ. सितारे हिन्द |
127-130 | Hindi |
36 | चन्द्रजनित बालारिष्टयोगविचारः प्रदीप मैखुरी |
131-134 | Sanskrit |
37 | संस्कृतभाषापठनलेखनाधिगमे सङ्गणकसहकृतानुदेशनम् मिलन माजी |
135-138 | Sanskrit |
38 | स्त्री विमर्श और हिंदी कविता का इतिहास डॉ अभिषेक प्रताप सिंह |
139-143 | Hindi |
39 | संस्कृतभाषाध्ययनरुच्योत्पादने स्फूर्तकक्षायाः(Smart Class) उपादेयता Sankar Bera |
144-147 | Sanskrit |
40 | ईशदत्तविरचितप्रतापविजये पाणिनीयदिशा समासस्वरूपविमर्शः Rakesh kumar |
148-151 | Sanskrit |
41 | रूपक एवं उंपरूपकों में एकांकी Yearul Sekh |
152-156 | Hindi |
42 | गाथा सप्तशती में व्यक्त मानवीय मूल्य का स्वरूप एवं उसका विवेचन राजश्री कुमारी, डॉ. किरणमाला |
157-160 | Hindi |
43 | भगवद्गितानुसारं व्यक्तित्व विकासं Dr. Maddikunta Aruna |
161-164 | Sanskrit |
44 | संस्कृतसाहित्ये प्रतिपादितः अलंकारशास्त्रस्योपयोगिता कमल कृष्ण पालः |
165-167 | Sanskrit |
45 | भक्तिः – मोक्षसाधनम् C. Badri Narayanan |
168-170 | Sanskrit |
46 | सामाजिकदृष्ट्या महाराजसयाजीरावस्तृतीयस्यावदानम् विश्वजित् मोदकः |
171-173 | Sanskrit |
47 | प्रासादमण्डनदिशा जगतीस्वरुपम् भूपेश आनन्दः |
174-175 | Sanskrit |
48 | पारिस्थितिकीय चेतना और हिन्दी उपन्यास अखिल अगस्टिन |
176-181 | Hindi |
49 | जयदेवस्य गीतगोविन्दम् श्रीजगन्नाथश्च Dr. Debajyoti Jena |
182-186 | Sanskrit |
50 | मानसिक रोग निवारण में मर्म विद्या की उपादेयता पूजा कुमारी |
187-194 | Hindi |
51 | श्रीभाष्यानुसारं तदन्तरप्रतिपत्त्यधिकरणविचारः डा. सुदर्शनन् एस् |
195-197 | Sanskrit |
52 | महाकाव्येषु यादवाभ्युदयमहाकाव्यस्य वैशिष्ट्यम् मधुरकवि आचार्यः |
198-200 | Sanskrit |
53 | Promotion of Scientific and Cultural Education in Raghuvamśam Amritjit Swain |
201-204 | English |
54 | आयुर्वेद में वर्णित त्रिदोष जन्य रोगों का कारण एवं निवारण योग पद्धति द्वारा हिमांशु रतूड़ी |
205-207 | Hindi |
55 | श्रीमद भगवत गीता में योग विद्या द्वारा दुखों का निवारण बलवीर सिंह , प्रोफेसर महेश प्रसाद सिलोडी़ |
208-211 | Hindi |
56 | वैशेषिकदर्शने समवायाभावविचार: अतुलप्रकाशपाठक: |
212-214 | Sanskrit |
57 | जैन योग एवं पातञ्जल योग का तुलनात्मक अध्ययन राहुल कौशिक |
215-219 | Hindi |
58 | योग दर्शन के अनुसार क्रियायोग का मानव जीवन एवं समाज पर प्रभाव सतेन्द्र |
220-221 | Hindi |
59 | कवि प्रदीप के गीतों में राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना राहुल कुमार |
222-225 | Hindi |
60 | कादम्बरीकथामुखे अर्थव्यक्तिर्नामाऽर्थगुण विचारः Dr V.Suryaprabha |
226-227 | Sanskrit |
61 | Human Excellence In The Abhijnanasakuntalam Of Kalidasa BenudharOram |
228-230 | English |
62 | अर्वाचीनसंस्कृतवाङ्मये आचार्यहरेकृष्णशतपथिविरचितस्य ‘विश्वायन’महाकाव्यस्य रचनावैचित्र्यम् प्रोफेसर(डा.) सत्यनारायण आचार्यः |
231-234 | Sanskrit |
63 | Values Education – Teacher Education (11.6) Dr. Annavarapu Suneetha |
235-238 | English |