S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | विषादलहरीकविहृदयपरिस्पन्दः डॉ. सीहेच्. नागराजु |
01-04 | Sanskrit |
2 | वेदान्तेषु विशिष्टाद्वैतवेदान्तस्य विशेषत्वम् सावाना खातुन् |
05-08 | Sanskrit |
3 | सुप्तिङ्प्रत्ययेषु अनुबन्धानां प्रयोगविचारः Priya P.R |
09-11 | Sanskrit |
4 | वर्तमानपरिप्रेक्षे किरातार्जुनीयमहाकाव्यस्य सामाजिकतत्त्वानां प्रासङ्गिकता स्वप्ना पाञ्जा |
12-15 | Sanskrit |
5 | जैनदर्शनस्य तत्त्वमीमांसायां प्रयोजनभूतत्वम् ऋषभ जैनः |
16-19 | Sanskrit |
6 | साङ्ख्ययोगयोः मनसः विवेचनम् विजयकुमारझा |
20-22 | Sanskrit |
7 | पाणिनीयकाशकृत्स्नयोः तद्धातुपाठयोश्च पौर्वपर्यविचारः कोङ्क कुमारस्वामि |
23-26 | Sanskrit |
8 | Role Of Thinking Style In Concept Formation Arunima |
27-32 | English |
9 | संस्कृत शिक्षा की आवश्यकता, समस्या एवं समाधान कालीशंकर मिश्र |
33-36 | Hindi |
10 | इतिहासकाव्येषु सालुवाभ्युदयस्य वैशिष्ट्यम्, तत्रत्यऋतुवर्णनञ्च सूरे रामतिरुमलरेड्डिः |
37-39 | Sanskrit |
11 | वैदिकवाङ्मये औषधविज्ञानस्य अभ्युदयः सोनाली सैनी |
40-44 | Sanskrit |
12 | Nālukettu – A Traditional Architectural Form Of Kerala Dr. S. Radhakrishnan |
45-48 | English |
13 | Interpretation of Karma-Yoga as per Gita in contemporary times Kumari Sukriti |
49-52 | English |
14 | मध्यकालीननाट्यसाहित्ये रुद्रदेवस्य वैशिष्टयम् इन्दु |
53-57 | Sanskrit |
15 | कालिदासकृतिषु मन्त्रिपरिषद् व्यवस्था नरेन्द्रकुमारसैनी |
58-61 | Sanskrit |
16 | भोजराजस्य सरस्वतीकण्ठाभरणे नूतनसंज्ञाविवरणम् मिनती दे |
62-66 | Sanskrit |
17 | सिद्धान्तकौमुदीरीत्या पणिनीयगत्यर्थकात्मनेपदी धातूनां विवृतिः दीप्तिमयी षड़ङ्गी |
67-69 | Sanskrit |
18 | नवरात्रोत्सवस्य सांस्कारिकगतयः स्वाधीनश्च Sheeja.S |
70-71 | Sanskrit |
19 | मध्य कालीन साहित्य का पुनर्पाठ और जाम्भाणी साहित्य डॉ. नन्दनी समाधिया |
72-75 | Hindi |
20 | Scientific Significance of Candana (Santalam album) plant – Indian perspective Dr Ishwara Prasad A |
76-78 | English |
21 | वेदाङ्गभूतस्य ज्योतिश्शास्त्रस्य वेदाङ्गत्वसमर्थनम् डॉ. के. तारकरामकुमारशर्मा |
79-82 | Sanskrit |
22 | वैय्याकरणानां मते लकारार्थ विवेचनम् शिवम कुमार उपाध्याय |
83-85 | Sanskrit |
23 | विहगेन्द्रसंहितायां प्राणायामविधिः A. Mahesh |
86-88 | Sanskrit |
24 | आर्ष ग्रन्थों में राष्ट्रभावना Dr Girijaprasad Shadangi |
89-91 | Hindi |
25 | प्राचीन कृषिकेन्द्रित राज्य व्यवस्था Dr. Vrushali Bhosale |
92-94 | Hindi |
26 | उपनिषदां महत्त्वम् एवं संख्याविचारः Dr. Prasanna Kumar Aithal |
95-97 | Sanskrit |
27 | Jayadeva: The poet and His popularity Deviprasad Mishra |
98-103 | English |
28 | खण्डकाव्यलक्षणविमर्शः Dr. Sayanto Mahato |
104-108 | Sanskrit |
29 | Cow Mahatmayam In The Vedas Gajula Jeevan Kumar |
109-112 | English |
30 | “महाकवि भास के रूपकों की सामाजिक स्थिति” डॉ. धानी जामोद |
113-115 | Hindi |
31 | उपनिषत्सु उपमालङ्कारः डॉ. प्रसन्नकुमार ऐताळ |
116-119 | Sanskrit |
32 | किरातार्जुनीये निहितानि राजनैतिकतत्त्वानि सलिलकान्तः त्रिपाठी |
120-123 | Sanskrit |
33 | दाम्पत्यजीवने विवाहविचार: श्री. सौम्यरञ्जनमहापात्र: |
124-125 | Sanskrit |
34 | India’s Ancient Town Planning – A whopping Ecological Balance Dr. Prasanna Kumar Aithal |
126-127 | English |
35 | मालविकाग्निमित्रनाटके शिक्षाक्रमः डॉ. ए. सच्चिदानन्दमूर्त्तिः |
128-129 | Sanskrit |
36 | Vedic Literature And Agriculture Dr. Prasanna Kumar Aithal |
130-133 | English |
37 | तर्कसङ्ग्रहचन्द्रिकाव्याख्याकार मुकुन्दभट्टमते हेत्वाभासस्वरुपम् गणेश्वर नायक |
134-135 | Sanskrit |
38 | अर्थव्यञ्जकता Dr V.Suryaprabha |
136-139 | Sanskrit |
39 | भारतीयसंस्कृतेः मूलाधारः – संस्कृतम् Dr. Mallika |
140-142 | Sanskrit |
40 | विनियोगविधिसहकारिणः स्थानप्रमाणस्य स्वरूपविवेकः डा.नागराजभट्टः |
143-144 | Sanskrit |
41 | संस्कृतशास्त्रशिक्षणे प्रभावयतां मनोवैज्ञानिककारकाणि Dipanwita Das |
145-147 | Sanskrit |
42 | कुमारसंम्भवमहाकाव्ये वैवाहिकव्यवस्था- एकम् विश्लेषणम् सरोज महानन्दः |
148-150 | Sanskrit |
43 | रांगेय राघव का व्यक्तित्व और उनके साहित्यिक अवदान का मूल्यांकन डॉ. सुरेन्द्र कुमार |
151-156 | Hindi |
44 | केशवमिश्रप्रणीते गौतमीयसूत्रप्रकाशे प्रामाण्यवाद: Nakul Kumar Sahoo, Prof. (Dr.) Subash Chandra Dash |
157-161 | Sanskrit |
45 | मूल्याङ्कने परीक्षिकायाः प्रकाराः निर्माणञ्च Dr. Sujan Biswas |
162-164 | Sanskrit |
46 | महामना पण्डित-मदनमोहनमालवीयमहोदयस्य शैक्षिकञ्चिन्तनम् प्रवीण देवरानी |
165-168 | Sanskrit |
47 | आधुनिकवैज्ञानिकजीवने लोककल्याणाय ज्योतिषशास्त्रस्य उपादेयता दिव्या जोशी |
169-171 | Sanskrit |
48 | Ramanuja and his views on knowledge R. Nagaraju |
172-173 | English |
49 | राजा भोजकालिन सांस्कृतिक चेतना व स्त्री समाज डॉ. के. आर. सूर्यवंशी |
174-176 | Hindi |
50 | रस निरूपण में साहित्यिक आचार्यों की भूमिका रुक्मणि पाठक |
177-180 | Hindi |
51 | Samskara: Going Beyond Caste Identity Ritu |
181-184 | English |
52 | श्रीमद्भगवतगीताया अध्यायस्य वर्ण्य-विषय: जया मनराल |
185-187 | Sanskrit |
53 | भारतीय दर्शन में शब्द एवं ध्वनि के सम्बन्ध का तुलनात्मक व्याख्या Dr. Deepak Kumar Gupta |
188-190 | Hindi |
54 | उपनिषदों में ऒंकार Dr. Shruti Rai |
191-194 | Hindi |
55 | वैयासिकसूत्रोपन्यासस्य परिचयः विनयकिरणः एच्. |
195-197 | Sanskrit |
56 | वृत्तिलक्षणं चिन्तनम् सुनिता डोडवाड़िया |
198-207 | Sanskrit |
57 | वैदिक वांग्मय में गणित विज्ञान की श्रुतिमूलकता विमर्श सुरेश कुमार शर्मा |
208-212 | Hindi |
58 | आधुनिकव्याकरणग्रन्थेषु सुपद्मव्याकरणस्य वैशिष्ट्यम् Dr. Susmanta Kumar Dwibedy |
213-215 | Sanskrit |
59 | प्रमुख गद्य एवं पद्य ग्रन्थों में योगाभ्यास डॉ. मीरा |
216-219 | Hindi |
60 | Kautilya’s View On Protction Of Princes Dr. Rupa V. |
220-222 | English |
61 | शुक्रनीतौ शैक्षिकतत्त्वानि प्रो.पि.वेङ्कटरावः |
223-227 | Sanskrit |
62 | शैवाद्वैत एवं ब्रह्माद्वैत : एक तुलनात्मक अध्ययन हर्ष कुमार त्रिपाठी |
228-231 | Hindi |
63 | मानवेदस्य कृष्णगीतिकाव्ये गुणत्रयसमुन्मेष: सी.चैतन्यकिरणः |
232-234 | Sanskrit |
64 | भाषाधिगमे शक्तिग्रहोपायाः शिक्षणे तेषामनुप्रयोगश्च डा. सोमाशि लक्ष्मीसातारामशर्मा |
235-237 | Sanskrit |
65 | Realisation of the Brahman through Panchakosha Viveka Dr. T. Shivakumar |
238-241 | English |