S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | अर्थ परिवर्तन की प्रक्रिया : भारतीय परिप्रेक्ष्य डॉ. आदित्य आंगिरस |
01-05 | Hindi |
2 | अर्हद्दर्शने जीव विवेचनम डॉ. कुलदीप कुमार |
06-12 | Sanskrit |
3 | वैश्वीकरण के युग में तेलुगु भाषा की भूमिका डॉ. नारायण |
13-14 | Hindi |
4 | आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी रचित साहित्यानुसार दलित का अर्थ डॉ. आदित्य आंगिरस |
15-23 | Hindi |
5 | The Upanishadic polity: Some Speculations Dr. Aditya Angiras |
24-29 | English |
6 | रसालङ्कार की अवधारणा और भोज डाॅ. ममता गुप्ता |
30-33 | Sanskrit |
7 | कायिक चेष्टाओं द्वारा भावों का सम्प्रेषण डाॅ. कमलनयन शुक्ल |
34-39 | Sanskrit |
8 | मनुस्मृति में निरूपित नारियों की आर्थिक स्थिति:स्त्रीधन के विशेष संदर्भ में डाॅ. रविश तमन्ना ताजिर |
40-41 | Sanskrit |
9 | प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था में नारी का योगदान डाॅ. रविश तमन्ना ताजिर |
42-43 | Sanskrit |
10 | BOOK REVIEW : INDIA IN THE AGE OF KᾹŚIKᾹVṚTTI Dr. Shuchita Dalal |
44-45 | English |
11 | राम काव्य की प्रासंगिकताः एंव स्त्री सशक्तिकरण डाॅ शंकर ए.राठोड |
46-48 | Hindi |
12 | चाणक्य नीति Dr. Saroj Gupta |
53-54 | Hindi |
13 | अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता एवं चुनौतियाँ डॉ. माताप्रसाद शर्मा |
55-58 | Hindi |
14 | लोक-साहित्य में आर्थिक-चिन्तन डॉ. प्रीति |
59-62 | Hindi |
15 | ‘समर शेष है’ उपन्यास में स्वातंत्र्योत्तर ग्रामीण यथार्थ परषोत्तम कुमार |
63-66 | Hindi |
16 | आगमेषु कर्षणादि प्रतिष्ठान्त मुहूर्त परिशीलनम् डॉ. पि.नीलकण्ठ |
67-69 | Sanskrit |
17 | गृह्यसूत्र और संस्कार डॉ. ए. मुक्ता वाणी |
70-73 | Hindi |
18 | अर्थपञ्चकम् आचार्य तट्टा विजयराघवाचार्यः |
74-76 | Sanskrit |
19 | Divisions Of Yoga Darsanam Dr. K. Vasantha |
77-79 | English |
20 | मन्त्रशास्त्रे ज्यौतिषम् मार्ति वेङ्कटशिववीरनागेन्द्रः |
80-82 | Sanskrit |