S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
---|
1 | पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर साम्प्रदायिकता का प्रभाव और हिंदी कहानी मुल्ला आदम अली |
01-02 | Hindi |
2 | परमपरागत एवं आधुनिक छात्रध्यापकों के सृजनात्मक चिन्तन का सामाजिक परिपक्वता के सन्दर्भ में तुलनात्मक अध्ययन डॉ. अमिता पाण्डेय भारद्वाज , अनूप बलूनी |
07-11 | Sanskrit |
3 | उपनिषदां परिचयः रजनी |
12-14 | Sanskrit |
4 | An ideal India: Economic Justice as a Social Justice to the Society Dr. Uroos Fatima Rizvi , Saba Fakhruddin |
15-19 | English |
5 | वनस्पतेः कृते भूमिचयनविचारः सुदर्शन दत्तः |
20-22 | Sanskrit |
6 | न्यायवैशेषिकयोः आत्मप्रमेयम् नवीन कुमार |
23-24 | Sanskrit |
7 | “सुखदुःखात्मको रस:,एक संक्षिप्त विवेचना’’ दयानन्द पटेल |
25-26 | Sanskrit |
8 | Global Expertise of Chinese and Indian Market for the Reminiscent Strategy Dr. Uroos Fatima Rizvi , Saba Fakhruddin |
27-31 | English |
9 | जातकस्य जीवने वक्रीग्रहस्य फलम् संजीव कुमारः |
32-34 | Sanskrit |
10 | जातकस्य जीवने वक्रीग्रहस्य प्रभावः संजीव कुमारः |
35-37 | Sanskrit |
11 | महाभारत युद्ध में द्रोण का महत्व कु. पूनम |
38-39 | Sanskrit |
12 | भारतीयतत्त्वचिंतने प्रस्थानत्रयस्य प्रामाण्यव्यवस्थापनम् आशीष यादव |
40-44 | Sanskrit |
13 | सूर्यादिवासरेषु ग्रहणाधारेण अर्घविचारः कपिल देव |
45-46 | Sanskrit |
14 | संस्कृत लघुकाव्य – “नवेक्षिका’’ में सामाजिक परिदृश्य-एक विवेचन प्रो. जया तिवारी |
47-50 | Sanskrit |
15 | ज्योतिषशास्त्रे सस्यवनस्पतीनां वर्णनम् सुदर्शन दत्तः |
51-52 | Sanskrit |
16 | सन्देश काव्य का उदय तथा अभ्युदय डॉ.नीता आर्य |
53-54 | Sanskrit |
17 | आधुनिकहिन्दुविधेः दत्तकग्रहणनियमाः Saroj Kumar Kar |
55-57 | Sanskrit |
18 | हिन्दी साहित्य और सिनेमा निशा वर्मा |
58-59 | Hindi |
19 | आधुनिकहिन्दुविधेः हिन्दूत्तराधिकारविधिः Saroj Kumar Kar |
60-62 | Sanskrit |
20 | ‘बहुजन’ उपन्यास में बदलता परिवेश प्रा. राजेंद्र घोडे |
63-64 | Hindi |
21 | Media in the age of globalization Neena Kumari |
65-66 | English |
22 | जनवादी कवि ‘अवतार सिंह संधू’ उर्फ ‘पाश’ सुनील कुमार |
67-70 | Hindi |
23 | श्रीकाण्ठदर्शनस्य मौलिकत्वम अनीता कुमारी |
71-72 | Sanskrit |
24 | आवाज़ का नीलाम एकांकी की प्रासंगिकता ज्योति रानी |
73-75 | Hindi |
25 | व्यञ्जनायाः स्वरूपम् डॉ. के. अनन्तः |
76-78 | Sanskrit |
26 | वास्तुशास्त्रे ग्रामलक्षणानि डा. के.टि.वि. राघवन् |
79-80 | Sanskrit |
27 | Elements of world peace in Vedic corpus Dr.Satrughna Panigrahi |
81-84 | English |
28 | नागार्जुन की कविता में प्रकृति चित्रण डॉ. कमलेश सरीन |
85-88 | Hindi |
29 | ज्योतिषशास्त्रोक्त अरिष्टविचारः डॉ. श्रीनिवासपण्डा |
89-95 | Sanskrit |
30 | वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् डा. सी. एन. विजयकुमारी |
96-97 | Sanskrit |
31 | श्रीचैतन्यदर्शने भगवद्गीतायाः भक्तियोगस्य प्रभावः आचार्य..सि.ललिताराणी |
98-100 | Sanskrit |
32 | सुहृद्भेदः आचार्य तट्टा विजयराघवाचार्यः |
101-105 | Sanskrit |
33 | उत्तररामचरिते करुणरसः Dr. N.A.Shihab |
106-108 | Sanskrit |