S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | साम्प्रतिकसन्दर्भे अष्टाङ्गयोगः डॉ. सुदेस्ना दाशः |
01-03 | Sanskrit |
2 | Nature Of Upādhi In Samkara Vedanta Vishnu Kant |
04-06 | English |
3 | Sri Manavalli Ramakrishna Kavi (1866-1957) as an Indologist his life’s Mission and contributions to Natyasastra Smt. V.K.Sasikala |
07-09 | English |
4 | समावेशितविद्यालयानां भूमिका सलवादि वसुधा |
10-12 | Sanskrit |
5 | Impact of Understanding the Ancient Indian Educational Value System Dr. Sanghamitra Basak |
13-15 | English |
6 | सम्राट अशोक का अखंड भारत और उसके आधुनिक पर्याय Pravendra Kumar |
16-19 | Hindi |
7 | भारतीय प्रश्न ज्योतिष एवं दैवज्ञ प्रश्नकर्ता विचार भूपेन्द्र तिवारी |
20-22 | Hindi |
8 | संस्कृतवाङ्मये व्याकरणशास्त्रास्यवतरणम् Chandan Das Adhikari |
23-26 | Sanskrit |
9 | संस्कृतवाङ्गमये वृक्षपादपविमर्शः श्रीमतीप्राचीगुप्ता, डॉ.प्रवेशव्यासः |
27-29 | Sanskrit |
10 | Influence of Grammar in the Management of Words and Sentences in Sanskrit Dr. Shantipriya Devi |
30-36 | English |
11 | The Influence of Vedic Educations on Hindu Culture Prof. Subash Chandra Dash |
37-44 | English |
12 | The RASA AND ITS LITERARY CRITICISM Laxman Majhi |
45-49 | English |
13 | सामवेदीयसंस्कारणां लोपप्रायश्चित्तम् अक्षय अशोक कुलकर्णी |
50-54 | Sanskrit |
14 | मेघदूतस्थभौगलिकपरिदृश्यानि सोमामण्डलः |
55-60 | Sanskrit |
15 | आचार्यभवनाथशास्त्रीकृतप्रयोगपल्लवग्रन्थे अनुबन्धविचारः तस्य पाणिनीयदिशा समालोचनञ्च Sumanta Bhaskar |
61-63 | Sanskrit |
16 | ज्योतिषशास्त्रदृष्ट्या मारकेशदोषसमीक्षणम् रितेशकुमारः |
64-67 | Sanskrit |
17 | ध्यानयोग की सार्वभौमिकता श्वेताश्वतरोपनिषद् के परिप्रेक्ष्य में डॉ० निशीथ गौड़ |
68-70 | Hindi |
18 | काव्यशास्त्रानुमोदितानुबन्धचतुष्टयस्य शिक्षाशास्त्रीयविमर्शः प्रशान्तमनोहरत्रिपाठी |
71-74 | Sanskrit |
19 | याज्ञवल्क्यशिक्षाग्रन्थानुसारं वेदपाठस्य गुण-दोषफलविवेचनम् रमाकान्तकर्मकारः |
75-77 | Sanskrit |
20 | अनुग्रहैकसाध्यं – भक्तिपथम् गोपेश्वर चतुर्वेदी |
78-79 | Sanskrit |
21 | धनाधिकारिणां क्रमविषये धर्मशास्त्रीयाणामाचार्याणां मतानां एकं विवरणात्मकमध्ययनम् सौम्यरंजन दाश |
80-82 | Sanskrit |
22 | शांकरसिद्धान्ते मोक्षः डॉ. श्रद्धाञ्जलि महापात्र |
83-85 | Sanskrit |
23 | याज्ञवलक्यस्मृतिदिशा नारीणां स्थितिः डा. अरबिन्दनायकः |
86-88 | Sanskrit |
24 | चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (375 ई. से 415 ई.) रुक्मणि |
89-92 | Hindi |
25 | अलिविलासिसंलापे प्रकृतिचित्रणम् डॉ. केशवकुमार |
93-94 | Sanskrit |
26 | वैयासिकसूत्रोपन्यासे “न विलक्षणत्वाधिकरणम्” विनयकिरणः एच्. |
95-96 | Sanskrit |
27 | समासस्वरूप सम्पादनम् सुनिता डोडवाड़िया |
97-114 | Sanskrit |
28 | पाणिनीयव्याकरणस्य दर्शनशास्त्रत्वम् Dr. Susmanta Kumar Dwibedy |
115-117 | Sanskrit |
29 | भामतीदिशा ब्रह्मसूत्रतृतीयाध्यायस्थ उभयलिङ्गाधिकरणविवेचनम् गिरिजा शङ्कर होता |
118-121 | Sanskrit |
30 | शैक्षिकक्षेत्रे सूचनासम्प्रेषणप्रविधिः डा.अलोकमण्डलः |
122-126 | Sanskrit |
31 | Innovative Teaching Strategies And Skills For Sustenance Of Quality In Teacher Education Dr. Pathakamuri Madhava Rao |
127-130 | English |
32 | विक्रान्तभारतनाटके आधुनिकरूपकलक्षणं पूर्वकविप्रभावश्च वि. चैतन्य गौड् |
131-133 | Sanskrit |
33 | यजुर्वेदीयहस्तसञ्चालनविधिः डा. निरञ्जनमिश्रः |
134-137 | Sanskrit |
34 | वेदान्ते प्रमाणविचारोपयोगिताविमर्शः डा. अयाचितः शन्तनुः |
138-139 | Sanskrit |
35 | पञ्चतन्त्रकथासु व्यवहारज्ञानम् Dr.Lanka SK Mallikarjuna Prasad |
140-142 | Sanskrit |
36 | परिभाषा ग्रन्थे निरूपितः प्रमा लक्षण विचारः कृष्ण: नंदकुमार: रामदासी, डॉ.रसाळदिनेश: |
143-144 | Sanskrit |
37 | शिशुपालवधे दण्डनीतिविचार: विघ्नेश्वरसाहुः |
145-149 | Sanskrit |
38 | बौद्ध धर्म के प्रमुख दर्शनीय स्थल : एक ऐतिहासिक विश्लेषण प्रो. शीतला प्रसाद सिंह |
150-153 | Hindi |
39 | बौद्ध दर्शन में निर्वाण (मुक्ति) के उपाय रजनीश मिश्र, डॉ. साध्वी देवप्रिया |
154-157 | Hindi |
40 | पञ्चमहायज्ञानां निरूपणम् P. Srivivasa Swamy Ayyangar |
158-159 | Sanskrit |
41 | दर्शनस्य विकासे मिथिलायाः योगदानम् आचार्य राधाकान्त ठाकुर: |
160-161 | Sanskrit |
42 | Understanding The Concept Of Mind To Attain Supreme Mental Health Through Yoga Dr. T. Shivakumar |
162-166 | English |
43 | फणीश्वर नाथ रेणु के कथा साहित्य में कलाकारों का जीवन चन्दा सागर |
167-170 | Hindi |
44 | चिकित्साशास्त्रे गणिते च आर्याणां भेदः Dr. T. Venkateswarlu |
171-173 | Sanskrit |
45 | Who is Koṇḍadeva? An unknown author of an unknown text in Pūrva-Mīmāṁsā Bhav Sharma |
174-177 | English |