S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | प्राचीनभारतवर्षस्य नियोगस्थितिः आधुनिकविश्वे च अस्याः प्रयोजनम्- एकमवलोकनम् डाँ. विभूति लोचन शर्मा |
01-03 | Sanskrit |
2 | मनस्तत्त्ववचिारः रूपश्रीपण्डा |
04-06 | Sanskrit |
3 | खड़ीबोली हिंदी और उसका राष्ट्रीय महत्व डॉ.रमेश यादव |
07-09 | Hindi |
4 | विषदूरीकरणेऽथर्ववेदीयमन्त्राणां योगदानम् Dr. Susmanta Kumar Dwibedy |
10-12 | Sanskrit |
5 | संस्कृतचम्पूकाव्यानां सर्गः स्वरूपञ्च रामकृष्ण साहु |
13-15 | Sanskrit |
6 | बहुतलीयावासीयभवने जलव्यवस्था विनयकुकरेती, डॉ. देशबन्धु: |
16-20 | Sanskrit |
7 | कृष्णसिंहठाकुरकृतगंगालहर्यां प्रसादगुणः Debasis Panigrahi |
21-22 | Sanskrit |
8 | आचार्यक्षेत्रमोहनशतपतिना विरचित संस्कृत- एकांकिकानां सांस्कृतिकमध्ययनम् ऐश्वर्याचौधुरी |
23-26 | Sanskrit |
9 | आधुनिकसंस्कृतसाहित्यस्य स्वरूपगतं परिवर्तनम् अनन्या सिन्हा |
27-30 | Sanskrit |
10 | वास्तुपदविन्यासः शीतल कश्यप, डॉ दीपक वशिष्ठ |
31-34 | Sanskrit |
11 | वाल्मीकिरामायणे दशरथस्य श्रीरामे भक्तिविमर्श: मधुरिमा मुखर्जी |
35-38 | Sanskrit |
12 | ब्रह्मसूत्रशाङ्करभाष्यरीत्या सन्ध्याधिकरणप्रतिपादनम् गिरिजा शङ्कर होता |
39-41 | Sanskrit |
13 | The concept of Vasudhaiva Kutumbakam (The World is a Family): Insights from the Mahopanisad Arun Kumar Kar |
42-45 | English |
14 | नाट्यशास्त्रदिशा पूर्वरङ्गविधानस्य विश्लेषणम् धर्मराज मलिक |
46-51 | Sanskrit |
15 | सम्वत्सरफलविमर्शः प्रियङ्करमिश्रः |
52-54 | Sanskrit |
16 | पाराशरीताजिकयोर्दृष्टिसिद्धान्तम् राजेशकुमारमहापात्रः |
55-57 | Sanskrit |
17 | जातकपारिजातकभावानुसारं भावसमीक्षणम् राजेशकुमारमहापात्रः |
58-59 | Sanskrit |
18 | भारतीयसन्दर्भे प्राथमिकस्तरे दूरस्थशिक्षाकार्यक्रमः (Distance Education Programme at Elementary Level in Indian Context) अरुपप्रधानः |
60-62 | Sanskrit |
19 | न्यायदर्शने विविधानि प्रमालक्षणानि रघुवीरगोस्वामी |
63-66 | Sanskrit |
20 | भारतीयाधुनिकसंस्कृतसाहित्ये विश्वेश्वरविद्याभूषणस्य योगदानम् (Visvesvara Vidyabhusan`s Contribution to Indian Modern Sanskrit Literature) चतुर्भुजजाना |
67-69 | Sanskrit |
21 | General Concept Of Research Methodology And Its Application In Music Dr. Renu Gupta |
70-74 | English |
22 | वाल्मीकिरामायणे आध्यात्मिकविषयाः वि.त्रियम्बकम् |
75-79 | Sanskrit |
23 | काव्यशास्त्रे प्रयुक्तन्यायानां शिक्षाशास्त्रीयमहत्त्वम् डॉ.लक्ष्मीनारायणबेहेरा |
80-82 | Sanskrit |
24 | धात्वर्थविषये न्यायमतमीमांसा विष्णुपदसाहुः |
83-85 | Sanskrit |
25 | वेदान्ते क्रमसमुच्चयः तथा समसमुच्चयः रेवणसिद्दय्य सर्तिमठ, डा. शरच्चन्द्रस्वामी |
86-88 | Sanskrit |
26 | षोडशसंस्कारेषु विवाहादिमुहूर्तविचार: सौम्यरञ्जनमहापात्रः |
89-91 | Sanskrit |
27 | शैक्षिकोपलब्ध्युपरि पाठ्यक्रमस्य भूमिका (NEP 2020 इत्यनुसारं) बाप्पादित्य षन्निग्रही |
92-96 | Sanskrit |
28 | संवेगात्मकबुद्धेः अर्थः, सम्प्रत्ययः, प्रकारश्च Ramesh Basappa chitapura |
97-102 | Sanskrit |
29 | वैदिककालीनभवनानां समीक्षा श्रीमतीज्योतिशर्मा, डॉ. अशोकथपलियाल: |
103-105 | Sanskrit |
30 | सप्तविधानुपपत्तिविमर्शः डा. अयाचितः शन्तनुः |
106-108 | Sanskrit |
31 | हठयोग के अंगो का संक्षिप्त वर्णन डॉ.रामानंद तिवारी, आयुषी द्विवदी, अभिषेक कुमार, डॉ.जसोदा विश्नोई, प्रो.पी.एस.ब्याडगी |
109-111 | Hindi |
32 | A Deeper Look at Pranayama Dr. Rahul Kumar Sharma |
112-115 | English |
33 | मनुस्मृत्युक्तधर्मस्वरूपम् Dr.Lanka SK Mallikarjuna Prasad |
116-118 | Sanskrit |
34 | काव्यतीर्थतर्करत्नयदुनाथकरशर्मण: काल-कूल-कृत्यादि विवेचनम् देवाशिषदाश: |
119-120 | Sanskrit |
35 | सिद्धान्तचूडामणि इतिग्रन्थानुसारेण ग्रहगतिविमर्शः अंशुलकुमारदुबे |
121-124 | Sanskrit |
36 | N. G. Ranga’s role in the Parliament T. Mukkaranna |
125-127 | English |
37 | दानस्य कालनिर्णय: मनोजकुमारदास: |
128-132 | Sanskrit |
38 | स्कन्दस्वामिनः वैयक्तिकविहङ्गावलोकनम् रोहित् कुमार तिवारी |
133-134 | Sanskrit |
39 | Beginning of the Agriculture in Northern Vindhyas and Middle Ganga Valley Prof. Shitala Prasad Singh |
135-138 | English |
40 | सांख्यदर्शन में बन्धन एवं मोक्ष की अवधारणा रजनीश मिश्र, डॉ. साध्वी देवप्रिया |
139-141 | Hindi |
41 | मानवीयमूल्योपदेशिका “सत्सङ्गदीक्षा” दीपक कुमार दासः |
142-145 | Sanskrit |
42 | किरातार्जुनीये मानवसम्बलविनियोगकौशलम् (Human Resource Management Skills in Kiratarjuniyam) डॉ. सत्यनारायण आचार्यः |
146-147 | Sanskrit |
43 | विद्यामाधवीयोक्तमुहूर्तविमर्शः प्रो. वि.उण्णिकृष्णन् नम्पियातिरिः |
148-150 | Sanskrit |
44 | ईश्वरचन्द्रविद्यासागरमहोदयस्य शैक्षिकं सामाजिकञ्च योगदानम् (Social and Educational Contribution of Iswar Chandra Vidyasagar) अतुलप्रसादविश्वासः |
151-154 | Sanskrit |
45 | भवभुतिकृतिषु सत्यं श्रद्धा च Puspanjali Paikaray |
155-157 | Sanskrit |
46 | अनदेखे भारत का जीवंत दस्तावेज ‘एक देश बारह दुनिया’ (अनदेखे भारत की तस्वीर ‘एक देश बढ़ दुनिया’) चन्दा सागर |
158-161 | Hindi |
47 | तमिल व्याकरण में सम्बोधन प्रकरण (विळि मरपु) डॉ. धर्मपाल प्रजापत |
162-165 | Sanskrit |
48 | Niḥśreyasa in Pūrva-Mīmāṁsā Gradual Development from Sūtra to Vārttika Bhav Sharma |
166-170 | English |
49 | “आचार्यसम्पदानन्दमिश्ररचितकाव्यत्रये रसलाङ्कारविवेकः” नलिनाक्षपण्डा |
171-174 | Sanskrit |
50 | पातञ्जलदर्शनाभिमतयोगतत्त्वानां विचारः राधाकृष्ण यादवः |
175-177 | Sanskrit |
51 | अनुवादपदार्थविश्लेषणम् – अनुवादेतिहासपर्यालोचनञ्च डा.कनपाल कुमारः |
178-181 | Sanskrit |
52 | भारतपरिप्रेक्ष्ये जनसंख्याशिक्षाप्रदाने शिक्षकस्य भूमिका Dr. Bijaya Kumar Jena |
182-185 | Sanskrit |
53 | मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का बौद्धिक योग्यताओं पर प्रभाव डॉ. पूनम त्यागी |
186-188 | Hindi |