S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | पारमात्मिकोऽयं पौण्डरीकाग्निः Dr. V. H. Prasad |
01-02 | Sanskrit |
2 | गीतवीतरागकाव्ये रसविमर्शः जगदीश नस्कर |
03-06 | Sanskrit |
3 | भारतीयज्ञानपरंपरायां आनन्दमयाधिकरण चिन्तनं S. P. Tejaswi |
07-09 | Sanskrit |
4 | शुक्रनीतौ शैक्षिकतत्वानि (Educational Elements in Shukraneeti) Ganesha Timmanna Bhat |
10-14 | Sanskrit |
5 | योगशास्त्रे प्राणायामस्वरूपविमर्शः विजय नारायण शुक्लः |
15-17 | Sanskrit |
6 | वैदेहीशविलास महाकाव्यस्य पूर्वविलासे संस्काराणां वर्णनम् आशुतोष दोरा |
18-20 | Sanskrit |
7 | रघुवंशे नीतिशास्त्रपरिशीलनम् जमाल् कल्लूरु |
21-23 | Sanskrit |
8 | जयशंकर प्रसाद : संघर्ष, सौन्दर्य और सांस्कृतिक दृष्टि प्रो. विपुल कुमार |
24-29 | Hindi |
9 | प्रो.वीरेन्द्रकुमारभट्टाचार्यस्य शार्दूलशकटमिति प्रकरणस्य विषयपरिचयः Gurupada Roy |
30-32 | Sanskrit |
10 | संस्कृतसाहित्ये महाकाव्यस्य किरातार्जुनीयस्य गौरवत्वम् Ramesh Malakar |
33-35 | Sanskrit |
11 | स्वरस्वतीर्थविरचितायाः विद्वज्जनुरञ्जनीनाम्नाः मेघदूतटीकायाः साहित्यशास्त्रीयः परिशीलनम् Biplab Manna |
36-38 | Sanskrit |
12 | विश्वायनमहाकाव्ये वैश्विकी चेतना सूर्यकान्तवेहेरा |
39-41 | Sanskrit |
13 | श्रीमद्भगद्गीता स्वामिनारायणभाष्ये आत्मतत्त्वनिरूपणम् अजय कुमार पधान |
42-45 | Sanskrit |
14 | व्यंग्य नाटकों के संदर्भ में ‘ताजमहल का टेंडर’ का अनुशीलन अकबरअली शेख |
46-49 | Hindi |
15 | सिद्धान्तज्योतिषे रङ्गनाथदैवज्ञस्यावदानम् अंशुलकुमारदुबे |
50-53 | Sanskrit |
16 | काव्यतीर्थतर्करत्नयदुनाथकरशर्मण: नारायणशतके भक्तिरसविवेचनम् देवाशिषदाश: |
54-56 | Sanskrit |
17 | राष्ट्राभ्युन्नेतृकं क्रान्तिगीतम् डा. सूरे रामतिरुमलरेड्डिः |
57-61 | Sanskrit |
18 | “वृद्धाश्रमं तथा तेषां परिचर्या” सौभाग्यलक्ष्मीः परिमाणिकः |
62-65 | Sanskrit |
19 | A Glimpse Of Ancient Peroid Of Sanskrit Literature Dr A. Gunaseelan |
66-69 | English |
20 | स्त्री अस्मिता एवं अस्तित्व की सचेतक : मैत्रेयी पुष्पा सोनी पाण्डेय |
70-73 | Hindi |
21 | कृष्ण जोशी विरचित श्री परशुरामचरित नाटक का काव्यशास्त्रीय अध्ययन डॉ. वीरेन्द्र कुमार |
74-79 | Hindi |
22 | महाभारते आध्यात्मतत्त्वम् डॉ.जे.वि.एस्.सीतारामाञ्जनेय शर्मा |
80-82 | Sanskrit |
23 | धर्मशास्त्रे दाने दक्षिणाप्रमाण: मनोजकुमारदास: |
83-84 | Sanskrit |
24 | ज्योतिषशास्त्रदृष्ट्या गर्भधानसंस्कारस्यवैज्ञानिकता ऋषिरञ्जन: |
85-87 | Sanskrit |
25 | यथाशास्त्रदीपिकम् अरुणाधिकरणन्यायस्य समीक्षणम् शीर्षेन्दुविश्वासः |
88-90 | Sanskrit |
26 | श्रीनरसिंहविजयचम्पूकाव्ये दार्शनिकतत्वम् जि.श्री नागलक्ष्मीः |
91-93 | Sanskrit |
27 | लेखनकौशलविकासे मनोविज्ञानस्य पद्धतयः Chinmaya Mishra |
94-95 | Sanskrit |
28 | विशिष्टाद्वैतमते आकाशस्य ब्रह्मशब्दवाच्यत्वम् यु.कृष्णवेणी |
96-97 | Sanskrit |
29 | अनुसन्धातुः योग्यताः गिरीशभट्टः बि |
98-101 | Sanskrit |
30 | संस्कारस्य सामाजिकदृष्टिकोण: मदनमुग्री: |
102-105 | Sanskrit |
31 | फलितज्योतिषे गणितशास्त्रम् Dr.Muralisham H |
106-107 | Sanskrit |
32 | जीवन्धरचम्पूकाव्ये शान्तरसः जि. सुनील् गवास्कर् |
108-110 | Sanskrit |
33 | संस्कृत वाङ्मय में याज्ञवल्क्यस्मृति का दायविभाग में योगदान दीपक कुमारी, डॉ. दीप लता |
111-114 | Hindi |
34 | स्वस्थवृत्त में प्राणायाम की उपादेयता : एक शास्त्रीय विवेचन महाबीर शुक्ल, विनोद पटेल, प्रदीप कुमार मिश्रा, प्रो. नीरू नत्थानी |
115-119 | Hindi |
35 | ज्यौतिषे राजयोगसमीक्षा Dr. A.V. Kiran |
120-121 | Sanskrit |