पर्यायोक्त अलंकार का दार्शनिक पक्ष (मम्मट कृत काव्यप्रकाश के परिप्रेक्ष्य में) Post navigation संस्कृत रूपकनिर्माण में अवधेयांशवाल्मीकि रामायण – पारिवारिक जीवन