प्राचीन पालि ग्रन्थें मेंउपस्थापित आर्य सत्यों का मूल स्वरूप Post navigation भगवद्गीतायां प्रतिपादितकर्मयोग आधुनिकसामाजिकोपयोगितामहाकिव जयदवे की दृष्टि में का स्वरूप