भारतीय मन का यूरोपीय दर्शन : ‘सफेद रातें और हवा’ Post navigation सांख्यदर्शन के अनुसार बुद्धि के सात्त्विक रूपपञ्चमनिमित्तप्रतिपादनम्, तत्खण्डनञ्च