महाकिव जयदवे की दृष्टि में का स्वरूप Post navigation प्राचीन पालि ग्रन्थें मेंउपस्थापित आर्य सत्यों का मूल स्वरूपसवा सेर कनक नाटक दी कथावस्तुः इक चर्चा