वराहपुराणनारदपुराणयोः दृष्टानां शापकथानां विवेवचनम् Post navigation विदेशी भाषाओं पर संस्कृत भाषा का प्रभाव (ग्रीक और रूसी भाषा के विशेष सन्दर्भ में)शरणदेवमते कर्मणि द्वितीयायाः प्रतिपादनम्