वाल्मीकि रामायण – पारिवारिक जीवन Post navigation पर्यायोक्त अलंकार का दार्शनिक पक्ष (मम्मट कृत काव्यप्रकाश के परिप्रेक्ष्य में)पञ्चतन्त्रे पञ्चमं तन्त्रम् अपरीक्षितकारकम्