संस्कृत रूपकनिर्माण में अवधेयांश Post navigation इष्टिपशुसोमविचारःपर्यायोक्त अलंकार का दार्शनिक पक्ष (मम्मट कृत काव्यप्रकाश के परिप्रेक्ष्य में)