S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | वाग्वर क्षेत्र की वैदिकी परम्परा डॉ.गटुलाल पाटीदार, कुलदीप कुमार शुक्ल |
01-05 | Sanskrit |
2 | निपातार्थनिर्णयः भगतरामः |
06-07 | Sanskrit |
3 | पुराणेषु ब्रह्मणः स्वरूपम् ज्योति प्रसाद गैरोला |
08-10 | Sanskrit |
4 | Punarjanma in Upanishads – Philosophical Implications Dr. Neena T S |
11-12 | English |
5 | णमोकारमहामंत्रस्य मड़्गलतत्त्वम् हेमलता |
13-16 | Sanskrit |
6 | श्रीरामाश्वमेधीयमहाकाव्ये कैकेयाः चरितम् सौम्यश्री बिश्वालः |
17-19 | Sanskrit |
7 | जैनागमेषु मङ्गलशब्दस्य विवेचनम् हेमलता |
20-21 | Sanskrit |
8 | लिङ्गपुराणे शिवप्राशस्त्यम् SANDYALA SUJATHA |
22-24 | Sanskrit |
9 | सामप्रतिकाले धर्मशास्त्रानुसारेण संस्काराणा प्रभाव प्रासङ्गिकता च Dr.Anil Kumar Dash |
25-27 | Sanskrit |
10 | भाषापरम्परासु संस्कृतम् – एकमध्ययनम् Dr. Debasis Tripathy |
28-29 | Sanskrit |
11 | अद्वैततवेदान्तरीत्या शब्दशक्तिविचारः डा. सतीशः के. एस्. |
30-32 | Sanskrit |
12 | नैषधीयचरितमहाकाव्ये नायिकायाः व्यक्तित्वम् प्रशान्त कुमार निखण्डिआ |
33-35 | Sanskrit |
13 | गदाधरीयसत्प्रतिपक्षविमर्शः Kuppa Narasimha |
36-37 | Sanskrit |
14 | साख्याभिमत पौरुषेयबोधस्वरूपम् डॉ जवाहरलालः |
38-40 | Sanskrit |
15 | भारतीय दर्शन में योग का स्वरूप डॉ.रमेश कुमार |
41-44 | Hindi |
16 | वेदादिग्रन्थेषु मानवाधिकाराः विजयकुमारदाशः |
45-46 | Sanskrit |
17 | सांख्यदर्शन के अनुसार पुरूष का स्वरूप शम्भू कुमार तिवारी |
47-48 | Hindi |
18 | Shatkarma Dr. Vijay Singh Gusain |
49-53 | English |
19 | Motivation factors in Teachers S.VAISHNAVI |
54-56 | English |
20 | शिक्षायां गुणवत्ता कथमभवेत् ? डॉ.जोगिन्द्र सिंह |
57-58 | Sanskrit |
21 | गोपाल चतुर्वेदी का व्यंग्य साहित्य एवं व्यंग्य का भविष्य कैलाश वर्मा |
59-62 | Hindi |
22 | मराठी साहित्य की लोकसंस्कृति डॉ. नेहा कल्याणी |
63-65 | Hindi |
23 | राजसूययागे विविधा: विद्यास्तथा जलवैशिष्ट्यम् डॉ. निरञ्जनमिश्रः |
66-68 | Sanskrit |
24 | आचार्यमुनीश्वरोक्त दिक्साधनविमर्शः डॉ.प्रसाद गोखले |
69-71 | Sanskrit |
25 | नक्षत्रयोगेणोत्पन्नजातकात्मनिर्भरः Dr. Krishneshwar Jha |
72-73 | Sanskrit |
26 | आज की कहानी : उपभोक्तावाद के संदर्भ में अरुण कुमार |
74-77 | Hindi |
27 | हरिशंकर परसाई के व्यंग्यों में अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य डॉ. कविता राजन |
78-80 | Hindi |
28 | सतसई परंपरा और राम सतसई डॉ. सुधीर कुमार शर्मा |
81-84 | Hindi |
29 | संस्कृति और परंपरा अज्ञेय की दृष्टि में Dr. Lalimol Varghese P |
85-86 | Hindi |
30 | कृत्यप्रत्ययानां विवेचनम् डॉ. सङ्कर्षण पण्डा |
87-89 | Sanskrit |
31 | वाल्मीकिरामायणे प्रशासनकला Dr.T.Venkateswarlu |
90-95 | Sanskrit |
32 | शाश्वत विकास के लिए धर्मशास्त्रीय संदर्भ में आधुनिक न्याय प्रणालीकी उपादेयता डा. दिनकर मराठे |
96-98 | Hindi |
33 | अर्चकत्व निरूपण विवरणम् P. Srivivasa Swamy Ayyangar |
99-101 | Sanskrit |
34 | Ahimsā Paramo Dharmah Dr. Manoranjan Senapaty |
102-106 | English |