S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | ‘सुदामचरितम्’ महाकाव्य का काव्य वैशिष्ट्य कनीज़ फात्मा |
01-03 | Hindi |
2 | Education system in India. Dr.Purusottam Konsrali |
04-05 | English |
3 | राष्ट्रियशिक्षानीतिम् (2020) अभिलक्ष्य प्राथमिककक्षासु अध्यापकशिक्षास्वरूपम् गीताराणी बारिक् |
06-09 | Sanskrit |
4 | संस्कृतकथाग्रन्थेषु वर्णिताः सद्गुणाः रामप्रसादः मण्डलः |
10-12 | Sanskrit |
5 | ध्रुपद गायन के तत्वों का घरानों में समावेश Dr. Renu Gupta |
13-18 | Hindi |
6 | तत्त्वार्थसूत्रवैष्णवविशिष्टाद्वैतसिद्धान्तयोः तत्वविमर्शः रामचन्द्र अर्यालः |
19-23 | Sanskrit |
7 | ‘सुरंग में सुबह’ उपन्यास और 21वीं सदी की राजनीति अकबरअली शेख |
24-28 | Hindi |
8 | श्रीविद्या सौन्दर्यलहरी च योगेश्वरदाश: |
29-30 | Sanskrit |
9 | श्रीमद्वाल्मीकिरामायणे वास्तुदोषविचारः ए. श्रीनिवास शर्मा |
31-32 | Sanskrit |
10 | श्रीमद्भगवद्गीता में चतुर्विध पुरुषार्थ की अवधारणा 1.महाबीर शुक्ल, 2.विनोद पटेल, 3. मृत्युञ्जय पाटीदार, 4.प्रो. नीरू नत्थानी |
33-36 | Hindi |
11 | वास्तुदेवों के लिए बलिद्रव्यों का विवेचन Dr. Hrusuikesha sahu |
37-39 | Sanskrit |
12 | योगदर्शनानुसारेण जीवनविधाने सामाजिकप्रासङ्गिकतायाः स्वरुपम् सुप्रिया वेरा |
40-43 | Sanskrit |
13 | अथर्ववेदे मणिमन्त्रोषधिविज्ञानम् मोहित चन्द्र परगाई |
44-46 | Sanskrit |
14 | जैनदूतकाव्येषु पार्श्वाभ्युदयस्यालोचनम् मालती साहु |
47-49 | Sanskrit |
15 | गोविन्द मिश्र के उपन्यासों में स्त्री के संघर्ष का स्वरूप सोनिया सांगवान |
50-52 | Hindi |
16 | डॉ श्यामदेव पाराशर: व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व डॉ अमिता रेढू |
53-57 | Hindi |
17 | वेदेषु वनस्पतिशास्त्रम् सोनाली सैनी |
58-60 | Sanskrit |
18 | मंत्री परिषद, युद्ध व्यवस्था, दूत व्यवस्था, सैन्य प्रशासन मंत्री परिषद डा० सुषमा जोशी |
61-63 | Hindi |
19 | रघुवंशमहाकाव्ये कृदन्तक्रियानिरूपणम् एस्.एन्.अमिताभ पण्डा |
64-65 | Sanskrit |
20 | योग का स्वास्थ्य पर महत्व पूजा, डॉ राकेश कुमार |
66-68 | Hindi |
21 | पाणिनीयव्याकरणे कृषिविमर्शः अनन्तकुमारपाण्डेयः |
69-71 | Sanskrit |
22 | कुमारसम्भवमहाकाव्ये कृदन्तक्रियानिरूपणम् एस्.एन्.अमिताभ पण्डा |
72-73 | Sanskrit |
23 | कपिलपुराणान्तर्गतसाम्प्रतिकोत्कलप्रदशस्थयाजपुरविरजाक्षेत्रमाहात्म्ये पार्श्वस्थतीर्थानामेकमनुशीलनम् वनजा तनया नायक |
74-76 | Sanskrit |
24 | कपिलपुराणे महानदीवर्णनस्य पौराणिकपर्यालोचनम् वनजा तनया नायक |
77-79 | Sanskrit |
25 | संस्कृतसाहित्ये एवं विशेषतः मिवारप्रतापनाटके हिन्दूशिरोमणिमहाराणाप्रतापस्य वर्णनम् अजय कुमार शुक्ला |
80-83 | Sanskrit |
26 | राष्ट्रियशिक्षानीतिः 2020 सन्दर्भे समावेशितशिक्षायाः सामग्रिकाध्ययनम्। ( A holistic study on inclusive education regarding National Education policy 2020) Anup Kumar Layek |
84-86 | Sanskrit |
27 | स्मृतिवाङ्गमये वर्णितः पुरुषार्थचतुष्टयस्य अध्ययनम्। (A study on purusarthachatustaya in smritibangmaya) प्रियभाषमिश्रः |
87-91 | Sanskrit |
28 | प्राचीनभारतीयज्ञानपरम्परायामारोग्यविमर्शः विजय नारायण शुक्लः |
92-96 | Sanskrit |
29 | सप्तम भाव वैवाहिक दर्पण शशांक शर्मा |
97-100 | Hindi |
30 | वैयाकरणसिद्धान्तकौमुद्या: संज्ञाप्रकरणस्य प्रत्याहाराणां समीक्षात्मकमध्ययनम् अभय कुमार विश्वाल: |
101-104 | Sanskrit |
31 | कुमाउनी साहित्य में चित्रित पर्यावरण-संरक्षण की चेतना गिरीश चन्द्र |
105-109 | Hindi |
32 | सिद्धार्थचरितम्: वीरेन्द्रकुमारभट्टाचार्येण बिरचितम् अर्वाचीनं नाटकम् अनन्या सिन्हा |
110-112 | Sanskrit |
33 | रामायण में राजधर्म एवं मानव कल्याण Prasanjit Barman |
113-115 | Hindi |
34 | सिद्धान्तकौमुद्या: सुखबोधिनीतत्त्वबोधिन्याख्ययोः ‘तपरस्तत्कालस्य’ सूत्रम् सूर्यकान्तदास: |
116-117 | Sanskrit |
35 | संस्कृत वाङ्मय में नारी की भूमिका प्रो. शुचिता ला. दलाल |
118-119 | Sanskrit |
36 | विविधसंस्काराणां मुहूर्त्तविमर्शः अंकुशकुमारव्यास: |
120-123 | Sanskrit |
37 | विविधशास्त्रदृष्ट्या द्वादशस्थस्य कुजस्य फलसमीक्षणम् दिनेशकुमारः |
124-126 | Sanskrit |
38 | भारतीयज्ञानपरम्परायां गुरुशिष्यपरम्परा शिक्षणविधयश्च बिरञ्चीनारायणरथः |
127-129 | Sanskrit |
39 | आधुनिककाले ब्रह्मचर्याश्रमस्य स्थितिः I.Vani Gayatri |
130-131 | Sanskrit |
40 | शाकुन्तलनाटके भारतीय संस्कृतिः Dr.P.Swapnapriya |
132-134 | Sanskrit |
41 | श्रीदुर्गासप्तशत्यां विश्वशान्तिसन्देशः Nirakar Samantray |
135-136 | Sanskrit |
42 | साख्यपदार्थचिन्तनम् सबिता बन्धु |
137-138 | Sanskrit |
43 | संवेगात्मकबुद्धिः, घटकाः महत्त्वं विकासः कौशलानि वर्धनायनिर्देशाश्च अनिल कुमार |
139-143 | Sanskrit |
44 | ज्योतिष शास्त्र आयुषो लक्षणम् डा.रतीश कुमार झा |
144-146 | Sanskrit |
45 | सुभाषिताः वाल्मीकि रामायणः आधुनिकपुरुषाय सन्देशः Dr. T. Venkateswarlu |
147-149 | Sanskrit |
46 | वेदान्तदर्शने योगतत्त्वम् भीमराजः |
150-153 | Sanskrit |
47 | परमलघुमञ्जूषादिशा निपातार्थविचारः डॉ. पशुपतिनाथमिश्रः |
154-157 | Sanskrit |
48 | अथर्ववेदे औषधविज्ञानम् डॉ. छोटू कुमार मिश्र |
158-160 | Sanskrit |
49 | महीप सिंह की कहानियाँ : युग जीवन का यथार्थ रश्मिरेखा बेहेरा, डॉ. सुशांत कुमार विश्वाल |
161-164 | Hindi |
50 | मोहन राकेश के नाटक : यथार्थ की नई पहचान सुश्री सस्मिता पति, डॉ. सुशांत कुमार विश्वाल |
165-169 | Hindi |
51 | वैदिक साहित्य में योग की अवधारणा जयवीर सिंह राजौरिया, राघवेन्द्र चतुर्वेदी, डॉ.सुदामा सिंह यादव |
170-172 | Sanskrit |
52 | ‘वाया मीडिया: एक रोमिंग कॉरस्पॉडेंट की डायरी’ तथा ‘फ्रीलांसर’ उपन्यासों में महिला पत्रकारों की स्थिति डॉ. लेखा. एम |
173-175 | Hindi |
53 | प्रातिशाख्यपाणिनीयव्याकरणयोलोपसिद्धान्तः एकम् तुलनात्मकमध्ययनम् अशोक कुमार षडङ्गी, ड. पूर्णचन्द्र पाढी |
176-179 | Sanskrit |
54 | श्रीदेवीचरितम् महाकाव्य समीक्षात्मक अध्ययन निमेश कुमार सिंह |
180-185 | Hindi |
55 | साम्प्रतिक समाजे क्षेत्रियवर्णस्य विचारः Balaram padhan |
186-190 | Sanskrit |
56 | श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार आतंकवाद का उन्मूलन हर्ष कुमार शुक्ल, डॉ. दिलीप तिवारी |
191-193 | Sanskrit |
57 | प्रियदर्शिकानाटिकायाः रसविचारः मनिका मण्डल , डॉ. अर्णवपात्रः |
194-196 | Sanskrit |
58 | रघुवीर सहाय के असहाय तत्त्वों का सत्य डॉ. अनिल कुमार |
197-203 | Hindi |
59 | जातकपारिजातानुसारेण अरिष्टविचारः देवीप्रदा साहु, प्रो.कृष्णोश्वर झा |
204-206 | Sanskrit |
60 | ।।श्रीमद्भागवत महापुराण में ईश्वर लक्षण विचार ।। हिमांशु रतूड़ी |
207-209 | Hindi |