S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | Janma Dina Utsava – Vardhanti & Jayanti Avadhanuala Chinmaya Datta |
01-03 | English |
2 | गर्भसंस्कार में प्रयुक्त मंत्रों का विश्लेषण: एक विस्तृत अध्ययन शुभम राय, डॉ उर्वशी सी पटेल |
04-07 | Hindi |
3 | आचार्यधनपालविरचिते तिलकमञ्जरिकथाकाव्ये औचित्यम् मण्टु कुमार जाना |
08-13 | Sanskrit |
4 | गीतादर्शन में “ध्यानयोग” का अवलोकन निमेश कुमार सिंह |
14-17 | Hindi |
5 | मालती जोशी के कहानियों में नारी के विविध रूपों का दर्शन प्रो. डॉ. शिवाजी सांगोळे, अनिता शामराव शेजोळे |
18-22 | Hindi |
6 | आधुनिकसमाजे ब्राह्मण वर्णस्य उपादेयता बलराम पधान |
23-26 | Sanskrit |
7 | भारतीयखगोलशास्त्रोक्तभूगोलस्वरूपम् डा. राघवेन्द्रः |
27-29 | Sanskrit |
8 | पंचतंत्र में राजनीतिक विचार आकांक्षा द्विवेदी |
30-32 | Hindi |
9 | प्रकृति, प्रेम और भक्ति: विद्यापति की कविता के आध्यात्मिक आयामों का अनावरण शशांक तिवारी |
33-39 | Hindi |
10 | त्रिफलाग्रन्थानुसारेण भूप्राप्तिराजयोगाः संज्ञा शतपथी, डा कृष्णकुमारभार्गवः |
40-43 | Sanskrit |
11 | प्रमुखेषु प्राकृतग्रन्थेषु लोकतत्त्वम् नीरजकुमार: |
44-46 | Sanskrit |
12 | अपरस्याङ्गगुणीभूतव्यङ्ग्यस्य जीवानन्दसागरीयमहेशचन्द्रन्यायरत्नटीकयोः तुलनात्मकाध्ययणम् सुदाम परामानिकः |
47-52 | Sanskrit |
13 | नैयायिकमतनिराकरणपूर्वकं नागेशदिशा शक्तेः स्वरुपनिरुपणम् सीतांशुरंजनदाशः |
53-56 | Sanskrit |
14 | लोकसंस्कृतौ प्राकृतच्छन्दानां कोशग्रन्थानां च परिचयः नीरजकुमार: |
57-60 | Sanskrit |
15 | अभावघटितालङ्काराणां विमर्शः Kabery Hossain |
61-63 | Sanskrit |
16 | Computer Viruses Devkumar Gole |
64-67 | English |
17 | ॥श्रीमद्देवीभागवतस्य प्रथमस्कन्धस्थ अव्ययपदानां, सर्वेक्षणात्मकमध्ययनम्॥ अरुणकुमारमिश्र: |
68-70 | Sanskrit |
18 | तन्त्ररत्नोक्तं चन्द्रसाधनम् तथा पञ्चाङ्गसाधनम् P S Angad |
71-72 | Sanskrit |
19 | Duryodhana Of Vyasa And Bhasa – A Comparative Approach. Dr. Jayanisha K. |
73-77 | English |
20 | शिवसंहितायां चक्रस्वरुपविवेचनम् सारदा हाँसदा |
78-81 | Sanskrit |
21 | औपम्यवर्गीयालंकाराणां काव्यसौन्दर्योपकारकत्वम् पूनम कुमारी |
82-85 | Sanskrit |
22 | स्वामी विवेकानंद की योग साधना पद्धति की उपयोगिता शशांक गुप्ता, डॉ. गणेश प्रसाद गुप्ता |
86-89 | Hindi |
23 | योगाभ्यास से सकारात्मक चिन्तन की प्राप्ति – एक विवेचनात्मक अध्ययन वर्षा, डॉ. दिलीप कुमार तिवारी |
90-92 | Hindi |
24 | जीव की गतियों का स्वरूप : श्रीमद्भगवद्गीता हर्ष कुमार शुक्ल, डॉ. दिलीप तिवारी |
93-96 | Sanskrit |
25 | समाजोपरि कल्किपुराणस्य भक्तिप्रभावः कल्लूर् साहिपीर् साहेब् |
97-99 | Sanskrit |
26 | शतककाव्यानां परिचयः पूनम कुमारी |
100-103 | Sanskrit |
27 | वेदान्तसिद्धान्तमुक्तावली अनुसारेण ईश्वरस्वरूप Alka |
104-106 | Sanskrit |
28 | अमरकोशे वर्णितं रथविषयकम् अध्ययनम् Nayan Bala Das |
107-110 | Sanskrit |
29 | वाल्मीकिरामायणस्य युद्धकाण्डे वर्णितप्रथमपञ्चमसर्गे शब्दालङ्काराणां विमर्शः Tridib Acharjya |
111-114 | Sanskrit |
30 | वेदों में कर्म सिद्धांत के स्वरूप का विश्लेषण ओम जी, स्वागतिका दाश |
115-118 | Hindi |
31 | संस्कृताध्यापने विविधस्तरेषु अधितन्त्रिमाध्यमेन शिक्षा अन्तर्जालीया शिक्षाप्राविधिकस्य न्यायसङ्गतोपयोगितायाः निश्चयनम् S V Vijay Kumar, प्रो. प्रह्लाद आर. जोशी, प्रो. बी. चन्द्नशेखरम् |
119-121 | Sanskrit |
32 | श्रीमद्भागवत महापुराण में माया का स्वरूप हिमांशु रतूड़ी |
122-124 | Hindi |
33 | श्रीमद्भगवद्गीतायां योगतारावल्यां च योगतत्त्व-विमर्शः मनोजकुमारः |
125-128 | Sanskrit |
34 | महापुरुषशङ्करदेवकृते ‘भक्तिरत्नाकर’ग्रन्थे मोक्षवादः श्री तरूणचुतीया |
129-131 | Sanskrit |
35 | अधिगमसिद्धान्ताः तेषामनुप्रयोगश् सुश्री बनलता बारिक् |
132-135 | Sanskrit |
36 | स्कन्दपुराणानुसारं दारुब्रह्मः श्रीजगन्नाथः डॉ.पारमिता पण्डा |
136-139 | Sanskrit |
37 | ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य -‘गोदान’ लेखक – मुंशी प्रेमचंद रुक्मणि |
140-144 | Hindi |
38 | राजस्थान की राजनीति, स्वतंत्रता आंदोलन, धर्म और साहित्य में श्रीनिम्बार्क सम्प्रदाय के आचार्यो का योगदान श्याम सुन्दर पारीक, डॉ.भेषराज शर्मा |
145-150 | Hindi |
39 | आज के समय में अनादि वैदिक सनातन संस्कृति की आवश्यकता और महत्त्व पंकज वैष्णव, डॉ.भेषराज शर्मा |
151-152 | Hindi |
40 | अद्यतने समाजे वेधशालाया उपयोगिता डॉ.श्रीनिवासपण्डा |
153-155 | Sanskrit |