| S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
|---|
| 1 | Importance of Translation Method and Direct Teaching Method in the subject of Sanskrit at the secondary level Bikash Das |
01-04 | English |
| 2 | प्राचीन भारत की परिवेश चिन्ता : एक विवेचन करिम सेख |
05-09 | Hindi |
| 3 | The Concept Of Rasa Is A Unique Achievement Of The Indian Aestheticians Dr. N. A Shihab |
10-12 | English |
| 4 | बदलते परिवेश में ग्रामीण जीवन और गोदान डॉ. पूनम तिवारी, आदर्श तिवारी |
13-15 | Hindi |
| 5 | Jaina Concept Of Non-Sensuous Perception: Some Observations Divakar Mohanty |
16-19 | English |
| 6 | वास्तुशास्त्रे वृक्षपादपविन्यासनिर्णयः रोहित शर्मा |
20-23 | Sanskrit |
| 7 | व्यक्तिशक्तिवाद अथवा जातिशक्तिवाद डा. मधुबाला |
24-27 | Hindi |
| 8 | न्यायसिद्धान्तदीपस्य विविधा: टीका: उत्तमकुमारसिंह: |
28-31 | Sanskrit |
| 9 | अन्तरिक्ष-स्थानीय देवता डॉ. नेहा शुक्ल |
32-35 | Hindi |
| 10 | भर्तृहरिनीतिशतके मनोवैज्ञानिकतत्त्वम् पुरुषोत्तमः कंस्रालि |
36-38 | Sanskrit |
| 11 | श्रीमद्भगवद्गीता एक अनुशीलन डा. नूतन कुमारी |
39-41 | Hindi |
| 12 | स्वातंत्र्योत्तर महिला कहानीकारों की कहानियों में स्त्री विमर्श डा. ज्योति बाला |
42-45 | Hindi |
| 13 | आत्मानात्मविवेकग्रन्थानुसारं षड्विधतात्पर्यलिङ्गानां विचार: डा. प्रताप भोई |
46-48 | Sanskrit |
| 14 | कारकार्थविमर्श देवनाथ त्रिपाठी |
49-51 | Hindi |
| 15 | श्रीहरिसम्भवमहकाव्ये माघकाव्यानुसरणम् पि. श्रीनिवासरावः |
52-54 | Sanskrit |
| 16 | विवेकचूडामणौ जीवन्मुक्तस्य विमर्श: डा. प्रताप भोई |
55-57 | Sanskrit |
| 17 | नेपाल में सत्ता परिवर्तन डॉ. धर्मेन्द्र द्विवेदी |
58-60 | Hindi |
| 18 | शैव सिद्धांत डॉ. राजेश कुमार सिंह |
61-66 | Hindi |
| 19 | नागार्जुन और उनकी हिंदीतर कविताएँ राम बिहारी चौधरी |
67-69 | Hindi |
| 20 | Shrimadbhagvadgeeta an Ideology Dr. Nutan Kumari |
70-71 | English |
| 21 | इक्कीसवीं सदी एवं हिन्दी कविताएं निवेदिता शुक्ला |
72-74 | Hindi |
| 22 | पुराणों व स्मृतियों में आयुर्वेद डॉ. इतेन्द्र धर दूबे |
75-78 | Hindi |
| 23 | शिक्षा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण डॉ. नेहा शुक्ल |
79-84 | Hindi |
| 24 | महिलाओं की शिक्षा के प्रावधान डॉ. नेहा शुक्ल |
85-88 | Hindi |
| 25 | अभिज्ञानशाकुन्तले जीवविज्ञानस्य प्रासङ्गिकता सत्येन्द्रनाथआदकः |
89-93 | Sanskrit |
| 26 | ध्वन्यालोकस्याभिधायिका लोचनटीका प्रताप कुमार मेहेरः |
94-96 | Sanskrit |
| 27 | गीतगोविन्दे दशावताराणामलौकिककर्माणि अरबिन्दनायकः |
97-100 | Sanskrit |
| 28 | The Term Duhita Pre – Ds And As & Post Ds. Period Bidyut Lata Mohanty |
101-103 | English |
| 29 | सामवेदीयभाष्यकाराः – एकं परिशीलनम् Dr. Girijaprasad Shadangi |
104-107 | Sanskrit |
| 30 | चक्रपाणिविजयमाहाकाव्यस्य प्राशस्त्यम् जि. लक्ष्मीतुलसी |
108-110 | Sanskrit |
| 31 | प्रतिमानाटके प्रथमाङ्के ध्वनिविचार: कमलिनी पण्डा |
111-113 | Sanskrit |
| 32 | पद्मावतेती चलचित्रे पात्रयोजनायां भारतीयनाट्यशास्त्रीय: प्रभावविमर्श: राजेश प्रसाद गैरोला |
114-115 | Sanskrit |
| 33 | महाभारतम् – एकंविहङ्गावलोकनम् डा. बलराम पण्डा |
116-118 | Sanskrit |
| 34 | जैमिनी ज्योतिष में राजयोग व आरुढ़ लग्न की महत्ता किरन भीम |
119-121 | Hindi |
| 35 | वैदिकवाङ्मय में शल्यचिकित्सा चमन लाल, डॉ कुलदीप कुमार |
122-124 | Sanskrit |
| 36 | नाट्यशास्त्रोक्तदिशा स्वराणामातोद्यानां च रसोपरञ्जकत्वम् Dr. Saritha Maheswaran |
125-128 | Sanskrit |
| 37 | राष्ट्रनायकत्वनिर्माणे वैदिकोपयोगः आशिषखाँनः |
129-131 | Sanskrit |
| 38 | आचार्य ज्ञानसागर के महाकाव्यों में नारी डा. चन्द्रमोहन शर्मा |
132-134 | Hindi |
| 39 | संस्कृतप्रकरणे मृच्छकटिके उत्प्रेक्षासमुच्चयतुल्ययोगीतालंकाराणां समीक्षा: ड. कमलाकान्त लेङ्का |
135-138 | Sanskrit |
| 40 | भवभूतेः नाटकेषु शैक्षिकतात्पर्यानि सुजन विश्वास |
139-141 | Sanskrit |
| 41 | अरविन्दोक्तस्य सम्भूत्यसम्भूतिविषयस्य अद्वैतदृष्ट्या समीक्षणम् सुप्रियः गोस्वामी |
142-145 | Sanskrit |
| 42 | मायायाः द्वारकारणत्वाश्रयत्वादिविचारः Sudipta Dey |
146-148 | Sanskrit |
| 43 | अव्ययानां स्वरूपविमर्षणम् Debabrata Sarder |
149-154 | Sanskrit |
| 44 | माण्डक्योपनिषदनुसारेण कोऽहम् इति विचारः Monotosh Sarkar |
155-157 | Sanskrit |
| 45 | षद्ददर्शनेषु मूलभूततत्वानां परिशीलनम् मधुमिता पान |
158-160 | Sanskrit |
| 46 | नास्तिकदर्शनविषये संक्षिप्तरूपेण अध्ययनम् सुजय सातभाया |
161-163 | Sanskrit |
| 47 | विश्वनाथकृतसङ्गीतरघुनन्दनकाव्ये गृहरासवर्णनम् विश्वजित् वर्मन् |
164-168 | Sanskrit |
| 48 | Contributions Of Vaidyaratnam P.S. Varrier To Ayurveda Dr. Shameeja P |
169-171 | English |
| 49 | भारतस्य स्वतन्त्रतासंग्रामे विषमतादुरीकरणार्थं जातीयसंहतिवादस्य कार्यसाधिका Ranjit Bagdi |
172-175 | Sanskrit |
| 50 | What Yoga is NOT…? Dr.Vijay Singh Gusain |
176-177 | English |
| 51 | ध्वनिपूर्वकाले कालिदासः Dr. Remya. S |
178-181 | Sanskrit |
| 52 | महाकाव्येषु किरातार्जुनीयस्य स्थानम् अञ्जली कबाट |
182-183 | Sanskrit |
| 53 | धर्मस्य प्रामाण्यम् Basanta Kumar Raymohapatra |
184-185 | Sanskrit |
| 54 | दिनकर जी के काव्य में जनवादी चेतना विष्णुप्रिया भुक्ता |
186-187 | Hindi |
| 55 | मनुष्य के जीवन में घुमक्कड़ी की महत्ता दीप्ति डिगल |
188-190 | Hindi |
| 56 | चमत्कारस्य भावव्यापित्वम् बि. गिरिधर |
191-193 | Sanskrit |
| 57 | स्मृतीतिहासपुराणादीनां तात्पर्यलिंगसमन्वये ब्रह्मबोधकत्व- प्रतिपादनं सर्वव्याख्यानाधिकरणविवेचनम् डॉ.आशीष यादव |
194-195 | Sanskrit |
| 58 | आधुनिकसमाजे योगरहस्यानुसारं शारीरिक-मानसिकरोगाणां निदानोपायाश्च दर्शना राय |
196-198 | Sanskrit |
| 59 | वेदान्तवाक्यानां ब्रह्मसमर्पकत्वे युक्तिप्रदर्शनम् तुलना च डॉ.आशीष यादव |
199-201 | Sanskrit |
| 60 | राष्ट्रीय चेतना की मुखर अभिव्यक्ति: ‘केरल का क्रांतिकारी’ डॉ. सुधीर कुमार शर्मा |
202-205 | Hindi |
| 61 | मुक्तिबोध की जनवादी-चेतना डॉ. स्नेहलता दास |
206-208 | Hindi |
| 62 | मत्स्यपुराणे विराजमानः वैज्ञानिकसूर्यः एम्. श्रीधरः |
209-212 | Sanskrit |
| 63 | गणभेदे मुख्यक्रियारूपं निर्माणरीति: Pradip Mandal |
213-219 | Sanskrit |
| 64 | सुबोधार्थनीटाकायाः चन्द्रयोगाध्यायस्य विवरणम् SriparvathaPriya Sarma |
220-222 | Sanskrit |
| 65 | श्रीमद्रामायणे समाजोपयोगितत्वानि डॉ. कृष्णचन्द्रकविः |
223-224 | Sanskrit |
| 66 | जीवने संघर्षस्य भूमिका डा. एम्. दत्तात्रेय शर्मा |
225-227 | Sanskrit |
| 67 | प्रातस्मरणस्तोत्रस्य महत्तम् श्रीकान्तविश्वासः |
228-231 | Sanskrit |
| 68 | उणादिप्रकरणस्य तत्त्वबोधिनीमनोरमाटीकयोः शास्त्रेतिहासः, स्थानम्, प्रवक्ताश्च विमर्शः मनीष कुमार शर्मा |
232-238 | Sanskrit |
