आचार्य एच्.वि.नागराजवर्याणां शतककाव्यस्थ सुभाषितानां सामाजिकमनुशीलानाम् Post navigation विशिष्टाद्वैतमते अपर्यवसानवृत्त्या श्रुतिनिर्वाहःआधुनिक परिप्रेक्ष्य में योग और उसकी प्राचीनता