कापिलसाङ्ख्ये पुरुषस्वरूपम् Post navigation सतीश जमाली की कहानियों में समसामयिक समस्याएँमरण एवं गुणस्थान का अन्तः सम्बन्ध-भगवती आरधना के संदर्भ में