पारमात्मिकोऽयं पौण्डरीकाग्निः Post navigation अलाउद्दीन खल्जी द्वारा दक्षिण के विजित राज्य व उसके उत्तराधिकारियों के समय की स्थितिगीतवीतरागकाव्ये रसविमर्शः