पुल्य उमामहेश्वरकवेः श्रीरामलिङ्गेश्वरस्तवराजः Post navigation सैंक्षन – क्हानी संग्रैह् च चित्रित शैह्री वातावरणरामचरित मानस में मंगल: विश्लेषण और विनियोग