भर्तृहरि के दर्शन में परमतत्व के प्रकृति का विश्लेषण Post navigation योगाङ्गेषु यमस्वरूपविमर्शःस्वतन्त्रतायाः प्राक् भारते समावेशितशिक्षायाः स्थिति