योग दर्शन के अनुसार क्रियायोग का मानव जीवन एवं समाज पर प्रभाव Post navigation जैन योग एवं पातञ्जल योग का तुलनात्मक अध्ययनकवि प्रदीप के गीतों में राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना