वर्ण-समीक्षा के आलोक में वागुत्पत्ति-विमर्श Post navigation यज्ञों में भगवान् रुद्र का स्वरूप एवं महत्वअथर्ववेदे महाभारतशान्तिपर्वणि च राजधर्मस्वरूपम्