संस्कृत वाङ्मय में याज्ञवल्क्यस्मृति का दायविभाग में योगदान Post navigation जीवन्धरचम्पूकाव्ये शान्तरसःस्वस्थवृत्त में प्राणायाम की उपादेयता : एक शास्त्रीय विवेचन