स्वरितश्च सर्वत्रेति सूत्रार्थविचारः Post navigation ।।श्रीमद्भागवत महापुराण में ईश्वर लक्षण विचार ।।महाभारत में राजधर्म एवं मानव कल्याण का बिकास और प्रभाब