উপনিষদ্গ্রন্থানুসারে শিক্ষার স্বরূপ Post navigation ‘संस्कृत मृतभाषा है : मिथक का एक विवेचनात्मक अध्ययन’रामायण के परिप्रेक्ष्य में यज्ञ – विधान