यदागमपरिभाषार्थः, आगमलक्षणञ्च – सुखबोधिनीमतम् Post navigation शंकराचार्य और पर्यावरण चेतना – सतत जीवन के लिए अद्वैत का पुनर्व्याख्यानअंशुमदागमस्य परिचयः