20वीं शताब्दी में संस्कृतसाहित्य विकास में डॉ. श्रीनाथ हसूरकर का योगदान Post navigation भगवद्गीता में भक्ति और ज्ञान का समन्वयमन्त्रकौमुद्यानुसारं मन्त्राणां दशसंस्काराः