S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | स्मार्त्तयागे ग्रहयागस्य प्रासङ्गिकता जगन्नाथ रथः |
01-03 | Sanskrit |
2 | ध्वनिविरोधि प्रस्थानेषु अभिधावृत्तिमातृकायाः वैशिष्ट्यम् सूर्य पवन् कुमार् हेच् |
04-06 | Sanskrit |
3 | वसुधैव कुटुम्बकम् माचर्ल उमामहेश्वर रावु |
07-08 | Sanskrit |
4 | नेत्रहीन विद्यार्थियों की शैक्षणिक समस्यायें सुशील कुमार सिंह |
09-10 | Sanskrit |
5 | भगवद्गीता में भक्ति और ज्ञान का समन्वय आशा द्विवेदी |
11-13 | Sanskrit |
6 | 20वीं शताब्दी में संस्कृतसाहित्य विकास में डॉ. श्रीनाथ हसूरकर का योगदान Mrs. Aaryaa Tijare |
14-16 | Sanskrit |
7 | मन्त्रकौमुद्यानुसारं मन्त्राणां दशसंस्काराः Khem Chand |
17-18 | Sanskrit |
8 | सत उत्पत्तिर्नासतः डॉ. गजेन्द्र कुमार नन्दा |
19-20 | Sanskrit |
9 | पञ्चपाद्युणादिपाठवृत्तिषु शब्दानां यौगिक-योगरूढ-रूढार्थनिरूपणम् चारुशीला राजन बेलापूरकर |
21-24 | Sanskrit |
10 | ROLE OF ICT IN LANGUAGE TEACHING Dr.Bharti Kaushal |
25-26 | English |
11 | पश्चिमबङ्गराज्ये आधुनिकधारायां संस्कृतशिक्षणे प्रयुज्यमानानां शिक्षणविधीनां मूल्याङ्कनम् SUKANTA GHOSH |
27-29 | Sanskrit |
12 | दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में बुद्धि का स्वरूप Dr.Chanchal Kumari |
30-32 | Hindi |
13 | शाङ्करदर्शनस्य परिशीलनं प्रासङ्गिकता च Shiben Maji |
33-37 | Sanskrit |
14 | श्रीमद्भगवद्गीतानुसारं व्यक्तित्वविचारः Sawant Rajendra Manikrao |
38-40 | Sanskrit |
15 | धुखदे गोह्टे क्हानी संग्रैह दे प्रमुख नारी पात्र डॉ۰राकेश चलोत्रा |
41-43 | Hindi |
16 | घर में बागवानी के लिए पौधों का चयन अतुल यादव, मनोज कुमार ,एम. के.पाल , अमित कुमार |
44-47 | Hindi |
17 | जैनदर्शने आप्तस्य सर्वज्ञत्वसिद्धिः डॉ. कुलदीपकुमार |
48-51 | Sanskrit |
18 | महर्षि दयानन्द का मन्तव्य डॉ. नीता आर्या |
52-53 | Hindi |
19 | उपनिषत्सु जीवस्वरूपविमर्शः मनोज कुमारः |
54-55 | Sanskrit |
20 | केतकीय-अहर्गणसाधनम् समीरः |
56-57 | Sanskrit |
21 | सत्यकार्यवादस्य स्वरूप अरविन्द कुमार आर्य |
58-59 | Sanskrit |
22 | वैदेहीशविलासे समासविमर्शः दिलीपकुमार पाल |
60-62 | Sanskrit |
23 | Vedic Mantras and its vibration Dr.Satrughna Panigrahi |
63-66 | English |
24 | धीरशान्तः Dr. Katamalli Leena Chandra |
67-69 | Sanskrit |
25 | भगवत्तचिंतन डॉ.टी. लता मंगेश |
70-71 | Hindi |
26 | The relevance of Caraka Samhita during the age of Pandemics Dr.K.Unnikrishnan |
72-74 | English |
27 | संस्कृतभाषाव्यवहारे श्रवण-भाषणकौशलयोः महत्त्वम् प्रो. लक्ष्मीनिवासपाण्डेयः |
75-78 | Sanskrit |
28 | मानव जीवन में भूमिगतजल का महत्त्व डा. दिनकर मराठे |
79-80 | Hindi |
29 | मन्दिराणां वैभवञ्च वैशिष्ठ्यम् P. Srivivasa Swamy Ayyangar |
81-83 | Sanskrit |
30 | मूल्यायनोपकरणानि (Tools of Assessment) Prof. N. Latha |
84-85 | Sanskrit |