S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | पर्यावरणसंरक्षणं रघुवंशे डां.एन्.ए.षिहाब् |
01-02 | Sanskrit |
2 | The Geneses of a Secular Literature in Sanskrit Dr. Niranjan Sabar, Jharana Rani Tripathy |
03-06 | English |
3 | काव्यप्रकाशस्य जयन्तीटीकायाः प्रथम उल्लासः Rahuldeb Halder |
07-15 | Sanskrit |
4 | Advaitic Sādhanā In The Yoga Vasiṣṭha Dr. Harshita Jhala Wadhwa |
16-21 | English |
5 | प्राच्यपाश्चात्यमतयोर्ग्रहदृष्टिः अरुणशर्मा |
22-25 | Sanskrit |
6 | भारतीय बहुभाषिकता के परिप्रेक्ष्य में अध्यापक की भूमिका का आलोचनात्मक अध्ययन मो० फैसल |
26-30 | Hindi |
7 | साधकतमं करणम् Dr. Manoranjan Senapaty |
31-32 | Sanskrit |
8 | Bhartiy Knowledge Tradition and Research (भारतीय ज्ञान परंपरा और शोध में पाण्डुलिपि – विज्ञान (Manuscriptology स्वरुप और क्षेत्र) डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः |
33-40 | Hindi |
9 | ब्रह्मणः अद्वितीयत्वम् Dr. Rasal Dinesh Pandurang |
41-43 | Sanskrit |
10 | आधुनिक संस्कृत साहित्य की उपन्यास विधा का विवेचनात्मक अध्ययन ओमनदीप शर्मा |
44-49 | Hindi |
11 | भगवता वरदराजः- भट्टोजिदीक्षितः- कौण्ड्भट्टश्च समास्य विभिन्न विचारैकः डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः |
50-51 | Sanskrit |
12 | पद्मचन्द्रोदयः का जैनधर्म में योगदान कविता |
52-53 | Hindi |
13 | धर्मस्य वास्तविकस्वरुपम् डा.विरेन्द्र कुमार षडङ्गी |
54-56 | Sanskrit |
14 | अर्थसंग्रहे तथा पूर्वमीमांसायां वर्णिताः विधिकर्तव्यता डॉ.शुचिता लालचंद दलाल |
57-58 | Sanskrit |
15 | Concept of Dharma on the basis of Neeti Literature Ku. Vaishnavi Patil , Dr. Parag Joshi |
59-61 | English |
16 | पुरुषबलात्कारः, संस्कृतसाहित्यञ्च श्रीनेहलः एन. दवे |
62-65 | Sanskrit |
17 | A Note on Sanskrit Metres Divakar Mohanty |
66-71 | English |
18 | Self- Realisation – Qualities Of Self And Self Realised Person In Yogavasishta B.Surender |
72-73 | English |
19 | योगदर्शने चित्तवृत्तयः – निरोधमार्गाः डॉ. डि.ज्योति |
74-75 | Sanskrit |
20 | भक्तिलक्षणं भेदाश्च डॉ. मुकेश कुमार डागरः |
76-80 | Sanskrit |
21 | कादम्बर्यां समाजोपयोगिनः विषयाः डा. जे.बलिचक्रवर्ती |
81-83 | Sanskrit |
22 | महाभारतोत्तर साहित्ये गोतत्त्वविमर्श: डॉ. नानूराम जाटः |
84-87 | Sanskrit |
23 | पुरुलियाजनपदस्य विशेषोल्लेखपूर्वकं पश्चिमबङ्गे आदिवासीजनेषु शिक्षाव्यवस्थायाः पर्यालोचनम्। ममता दासः |
88-94 | Sanskrit |
24 | ब्रह्माण्डपुराणान्तर्गतार्थपञ्चके पुरुषार्थस्वरूपम् Dr.Tatta Parthasaradhi |
95-100 | Sanskrit |
25 | जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यार्थियों में विषय गणित मे उपलब्धि रवि शंकर मिश्र |
101-102 | Hindi |
26 | जैनदर्शन में ज्ञानमीमांसा डॉ. कुलदीप कुमार |
103-104 | Hindi |
27 | नागार्जुन के काव्य में युगबोध विष्णुप्रिया भुक्ता |
105-106 | Hindi |
28 | वैश्वीकरण के परिदृश्य मे भारतीय संगीत का स्वरूप डा.नीता माथुर |
107-110 | Hindi |
29 | महाकविकालिदासस्य पारिवारिकचिन्तनम् डॉ. दयालसिंह पँवार |
111-113 | Sanskrit |
30 | समकालीन हिंदी और ओड़िआ कथा-साहित्य में नारी-विमर्श स्नेहलता दास |
114-117 | Hindi |
31 | सांख्यदर्शने सृष्टे: आदितत्त्वं महत्तत्त्वम् शम्भू कुमार तिवारी |
118-120 | Sanskrit |
32 | श्रीपुरुषोत्तमसंहिताप्रशस्तिः Dr. P.T.G. Ranga Ramanujachyulu |
121-124 | Sanskrit |
33 | पर्युदासः Dr. T.S.R. Narayanan |
125-127 | Sanskrit |
34 | वृत्तिसामान्यलक्षणस्य विमर्शः Dr. G. Sireesha |
128-130 | Sanskrit |
35 | Traits of Personality in the Rāmāyaṇa Dr. P. Srinivasa Krishna Reddy |
131-134 | English |
36 | कारक-प्रकरणे उपपदविभक्तिः Pradip Mandal |
135-139 | Sanskrit |
37 | पञ्चाङ्ग का महत्त्व डा. के.टि.वि. राघवन् |
140-142 | Hindi |
38 | ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में संगीत (वैदिककाल) डॉ. सुषमा शुक्ला |
143-145 | Hindi |
39 | योगसिद्धिमूला यमाः डा. रामचन्द्रशर्मा |
146-149 | Sanskrit |
40 | स्वाध्यायेन साफल्यम् अर्जनम् श्रीकान्तविश्वासः |
150-154 | Sanskrit |
41 | रघुवंशे कौटुम्बिकांशाः माचर्ल उमामहेश्वर रावु |
155-156 | Sanskrit |
42 | उपनिषत्सारः गीता अयाचितः शन्तनुः अम्बादासराव् |
157-159 | Sanskrit |
43 | भारतीयसंस्कृतौ नारीस्थानम् Dr. P. Swapna Haindavee |
160-162 | Sanskrit |
44 | श्री सदाशिवब्रह्मेन्द्रसरस्वतीविरचितानि लघुप्रकरणानि इति पुस्तकसमीक्षा डा. जी. राजशेखर रेड्डि |
163-166 | Sanskrit |
45 | वेधशालायाः यन्त्राणां प्रयोगविधिः डॉ.श्रीनिवासपण्डा |
167-171 | Sanskrit |
46 | Influence of Brahmanism on Pali literature: An Overview Ritesh Prakash Ovhal |
172-175 | English |
47 | कुटदन्तसुत्त व वासेटट्ठसुत्त यामधील भगवान बुध्दांचा सामाजिक दृष्टिकोन स्मिता प्रकाश इंगळे |
176-178 | Hindi |
48 | महावीर और उनका शांति संदेश डॉ. ए.मुक्ता वाणी |
179-180 | Hindi |
49 | श्रीजगन्नाथस्तोत्रकाव्येषु विश्वशान्तिवार्त्ता डॉ. सत्यनारायण आचार्यः |
181-184 | Sanskrit |
50 | मनुष्यालयचन्द्रिकाग्रन्थानुसारेण पर्यावरणविचारः प्रो. वि.उण्णिकृष्णन् नम्पियातिरिः |
185-186 | Sanskrit |
51 | कल्पसूत्रेषु वैखानसकल्पसूत्रपरिचयः P. Srivivasa Swamy Ayyangar |
187-191 | Sanskrit |
52 | वेदव्यासः विशिष्टाद्वैतं च आचार्यः पा.ति.गु. यतिराजसम्पत्कुमाराचार्यः |
192-195 | Sanskrit |
53 | शैवागमोक्त षोडशसंस्कारविधिसंक्षेपः डा. पि. नीलकण्ठम् |
196-199 | Sanskrit |
54 | दलित कहानियों में चित्रित दलित स्त्रियाँ और सामाजिक परिवेश डॉ. अनीता मिंज |
200-204 | Hindi |