S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | सत्यम् एव ईश्वरः डॉ. पारमिता पण्डा |
01-02 | Sanskrit |
2 | आचार्य मनु अनुसार मनुस्मृति में पतिव्रत्य स्त्री के कर्त्तव्य एवं त्याग डॉ.नन्दनी समाधिया |
03-05 | Hindi |
3 | श्रीमद्भागवते जीवनदर्शनम् डॉ.सौम्य रञ्जन महापात्र |
06-09 | Sanskrit |
4 | कार्यालयी व्यवस्था व निम्नमध्यवर्गीय जीवन का आख्यान: नौकर की कमीज डॉ. आशुतोष कुमार शुक्ल |
10-13 | Hindi |
5 | जल-प्रदूषण के निवारण/संरक्षण की वैदिक दृष्टि डॉ. विनोद चौधरी |
14-18 | Sanskrit |
6 | पृथ्वीलक्षणविमर्शः दिवाकर मोहान्ती |
19-22 | Sanskrit |
7 | संस्कृतभाषायाः ज्ञानं तथा एतस्याः व्याकरणस्य विचारः Archana Tandale |
23-24 | Sanskrit |
8 | महर्षि पतंजलि वर्णित अविद्यादि क्लेश व उनके निवारण के उपायः एक विवेचन डॉ. गायत्री गिरीश मिश्रा |
25-28 | Hindi |
9 | काण्वसंहितायाः पूर्वविंशतेः विद्यारण्यानन्दबोधभाष्ययोर्वैशिष्ट्यम् दुर्गाशरणरथः |
29-32 | Sanskrit |
10 | लोक संगीत व साहित्य की अटूट अवधारणा डॉ. पूनम तिवारी |
33-35 | Hindi |
11 | किशोरावस्था में मूल्य-अन्तर्द्वन्द्व और चिन्ता प्रो. रचना वर्मा मोहन, प्रभाकर |
36-40 | Hindi |
12 | इन्टर्नशिप के दौरान मध्य प्रदेश के संस्कृत छात्राध्यापकों तथा अन्य छात्राध्यापकों के तनाव का तुलनात्मक अध्ययन यासमीन अशरफ |
41-43 | Hindi |
13 | Reason For The Curse In The Meghaduta Dr. N. A Shihab |
44-46 | English |
14 | अज्ञेय – परंपरा से फूटती भारतीय आधुनिकता का नाम हैं डॉ. अनुपम कुमार |
47-50 | Hindi |
15 | धर्मसंकटे महाराजानां विचारः डॉ. मुकेश कुमार डागरः |
51-52 | Sanskrit |
16 | Bhismasapatha in Mahabharata – An Interpretation Dr. Harish. P.N. |
53-55 | English |
17 | तिलक पूजा वस्त्रादीनाञ्च डॉ. मुकेश कुमार डागरः |
56-58 | Sanskrit |
18 | अलिविलासिसंलापकाव्यपूर्वरङ्गः R. Ajantha Krishna |
59-61 | Sanskrit |
19 | वर्तमान जीवन और गीता का कर्मयोग शोभा रानी भारद्धाज |
62-64 | Hindi |
20 | कोरोना वाइरस रोग की रोकथाम और प्रबंधन यूनानी चिकित्सा के रोग प्रतिरक्षा अवधारणा के द्वारा: संक्षिप्त समीक्षा मो. हशमत ईमाम |
65-68 | Hindi |
21 | History of Odisha: As Reflected in the Manuscripts & Inscriptions Dr.Jharana Rani Tripathy |
69-77 | English |
22 | छन्दोरचनादृष्टया चारूदत्तमृच्छकटिकयोः साम्यम् डॉ.संतोष कुमार पाण्डेयः |
78-80 | Sanskrit |
23 | संस्कृत काव्यों में शकुन प्रसंग डॉ. रंजना कुमारी |
81-82 | Sanskrit |
24 | कलानिधियोगः नूतानी ग्रहाचार्य |
83-84 | Sanskrit |
25 | अनर्घराघवनाटकं रामायणकथापरिवृत्तिः डॉ. जे.बलिचक्रवर्ती |
85-87 | Sanskrit |
26 | नीतिशास्त्रे शैक्षिकतत्त्वानि पुरुषोत्तमः कंस्रालि |
88-89 | Sanskrit |
27 | संस्कृत भाषा और आधुनिक संस्कृत साहित्य; एक अध्ययन शोभा रानी भारद्धाज |
90-92 | Hindi |
28 | वैदिक साहित्ये गोतत्त्वविमर्श: डॉ. नानूराम जाटः |
93-97 | Sanskrit |
29 | श्रीमद्रहस्यत्रयसारोक्तम् अर्थपञ्चकस्वरूपम् के.मालोलकन्नन् |
98-100 | Sanskrit |
30 | वीरेंद्र जैन के कहानी-साहित्य में उत्तर आधुनिकता जगजीत कुमार |
101-104 | Hindi |
31 | आतिथ्यधर्म-परिशीलनम् डा.रा.सुब्रह्मण्य भिडे |
105-107 | Sanskrit |
32 | समकालीन-सन्दर्भे गोतत्त्वस्य प्रासंगिकता डॉ. नानूराम जाटः |
108-112 | Sanskrit |
33 | लोकेऽस्मिन् प्रायश्चितस्य महत्त्वम् झान्सी राणि मल्लिक् |
113-114 | Sanskrit |
34 | स्मृतियों में जल तत्त्व पर्यावरण डॉ० प्रबोध कुमार पाण्डेय |
115-117 | Sanskrit |
35 | लौकिक साहित्य में दाम्पत्य जीवन का स्वरूप डॉ. सुजाता कुमारी |
118-119 | Hindi |
36 | कौटिल्य के अनुसार राज्य की आय एवं व्यय अनुज कुमार |
120-124 | Hindi |
37 | Organisational Efforts For Sustenance Of Sanskrit In Odisha Zyotsna Ranny Patraw |
125-128 | English |
38 | A Study of Shobha De and Manju Kapoor’s novels About feminism Sumedha Sharma |
129-132 | English |
39 | सुधाकर आशावादी की कहानियों में सामाजिक परिवर्तन डॉ. पूनम तिवारी, आदर्श तिवारी |
133-136 | Hindi |
40 | Causes of diseases as per Praśnamārga Ratheesh K.R. |
137-138 | English |
41 | सादृश्यमूलक अलङ्कारों में साधारण धर्म की भूमिका डॉ.रुपम भारती |
139-141 | Hindi |
42 | संहितास्कन्धानुसारभूकंपलक्षणम् देवेन्द्र कुमारः |
142-144 | Sanskrit |
43 | बालकेन्द्रम् Vaishnavi Seshadri |
145-147 | Sanskrit |
44 | पृथूपाख्यानस्य एकमध्ययनम् N. Jagannadha Reddy |
148-150 | Sanskrit |
45 | Woman and its terms of reference in the light of all Dharmaśāstra texts Bidyut Lata Mohanty |
151-153 | English |
46 | मृच्छकटिके शब्दालंकाराणां श्लेष यमकालंकाराणां परिशीलनम् कमलिनी पण्डा |
154-157 | Sanskrit |
47 | महाभारतस्य कालनिरूपण – विमर्शः डा. बलराम पण्डा |
158-160 | Sanskrit |
48 | रूद्रस्वरूपविमर्शः Dr. Niranjan Mishra |
161-165 | Sanskrit |
49 | गुणत्रयाधारेण धृतराष्ट्रस्य चरित्रवर्णनम् दिव्येन्दु शीट् |
166-169 | Sanskrit |
50 | जिंदगीनामा में आंचलिकता पार्वती बारिक |
170-172 | Hindi |
51 | विष्णु प्रभाकर : एक राष्ट्रवादी Dr. D. Mohini |
173-174 | Hindi |
52 | धुमक्कड़ी की नई दिशा दीप्ति डिगल |
175-176 | Hindi |
53 | ऋग्वेदीय प्रथममण्डले विष्णुसूक्तस्य एकं विवेचनम् पवित्रकुमारनन्द: |
177-179 | Sanskrit |
54 | मध्यकालीन कविताओं में ज्ञान और भक्ति डॉ. स्नेहलता दास |
180-182 | Hindi |
55 | Mahatma Gandhi and Nature Cure (Naturopathy) Dr Vijay Singh Gusain |
183-185 | English |
56 | आगमपरम्परा एकं विवेचनम् मोहन लाल शर्मा |
186-188 | Sanskrit |
57 | सांख्यदर्शने पुरुषस्य भोक्तृत्वम् डॉ.शम्भू कुमार तिवारी |
189-190 | Sanskrit |
58 | समकालीन मनोवैज्ञानिक उपन्यासों में चित्रित नारी डॉ. टी. लता मंगेश |
191-192 | Hindi |
59 | कालिदास्य कृतिषु कृषिविज्ञानम् G. Dhananjaya Naidu |
193-195 | Sanskrit |
60 | व्याकरणशास्त्रस्य दर्शनत्वं समीक्षात्मकाध्ययनमेकम् Pradip Mandal |
196-198 | Sanskrit |
61 | मुग्धबोधव्याकरण द्वन्द्वः समास विमर्शः रोहित कुमार सैनी |
199-204 | Sanskrit |
62 | जगद्गुरुशङ्कराचार्यस्य शिक्षादर्शनम् Prof. N. Latha |
205-208 | Sanskrit |