S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | ब्रह्मलक्षणसमन्वयः अयाचित शन्तनु अम्बादासराव |
01-02 | Sanskrit |
2 | पुराणेषु एकाशीतिपद वास्तुविचारः सोनू शर्मा |
03-05 | Sanskrit |
3 | ‘‘वास्तुशास्त्रे यज्ञकुण्डविधिः’’ हेमचन्द |
06-08 | Sanskrit |
4 | वास्तुशास्त्रे जलतत्त्वानुशीलनम हेमचन्द |
09-11 | Sanskrit |
5 | वेदेषु नि्हित पर्यावरणस्यावधारणा मनोज प्रसाद नौटियाल |
12-13 | Sanskrit |
6 | बाल अपचार: कारण तथा सुधार हेतु विभिन्न नीतियाँ प्रो.रचना वर्मा मोहन, गुरिन्द्र कौर |
14-17 | Hindi |
7 | COMPARATIVE STUDY OF MUSIC AND VĒDA Dr. V. Sireesha |
18-20 | English |
8 | वाल्मीकिरामायणे आध्यात्मिकविषयाः वि.त्रियम्बकम् |
21-23 | Sanskrit |
9 | शास्त्रान्तरेषु संस्काराणां विचारः प्रीति दे |
24-27 | Sanskrit |
10 | परीक्षिका निर्माणम् एस्.वैष्णवी |
28-30 | Sanskrit |
11 | RELEVANCE OF ṤUKADŪTAM IN THE REALM OF SANSKRIT LITERATURE Paromita Raha |
31-33 | English |
12 | भाषाशिक्षणे सम्प्रेषणोपागमः एस्.वैष्णवी |
34-35 | Sanskrit |
13 | संस्कृतसाहित्ये मानवतावादः Kartick Halder |
36-37 | Sanskrit |
14 | Dharma-Megha Sama̅dhi :-From the commentator’s perspective. Mr. Sanket D. Ponkshe |
38-41 | English |
15 | परम्परागत एवं आधुनिक छात्रध्यापकों की शिक्षण अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन सनत कुमार झा |
42-46 | Hindi |
16 | समासशक्तिनिर्णयः भगतरामः |
47-49 | Sanskrit |
17 | अद्वैतवेदान्तानुसारं ब्रह्मलक्षणमीमांसा डॉ.रसाळ दिनेश पांडुरंग |
50-53 | Sanskrit |
18 | पूर्वी उत्तर प्रदेश में मसालों की खेती की स्थिति एवं सम्भावनायें अतुल यादव, मनोज कुमार ,एम. के.पाल , अमित कुमार |
54-55 | Hindi |
19 | मोक्षमार्गे आप्तस्वरूपपरिज्ञानस्यावश्यकता डॉ. कुलदीपकुमार |
56-59 | Sanskrit |
20 | सत्यार्थ प्रकाश में सन्तानों की शिक्षा डॉ. नीता आर्या |
60-62 | Hindi |
21 | श्री वल्लभाचार्य मतानुसार पुष्टि भक्ति का स्वरूप रीना |
63-64 | Hindi |
22 | धर्मशास्त्रेलोकन्याय विचारः Dr. Sitansu Bhusan Panda |
65-67 | Sanskrit |
23 | ग्रहः योगेण विद्यायोगः Dr. Krishneshwar Jha |
68-69 | Sanskrit |
24 | नान्दी Dr. Katamalli Leena Chandra |
70-72 | Sanskrit |
25 | पञ्चभूतसिद्द्धान्त: ज्योतिषश्च Dr. Beena K.K. |
73-74 | Hindi |
26 | न्याय वैशेषिक दर्शने मोक्ष विचार: Dr. T. Venkateswarlu |
75-76 | Sanskrit |
27 | विख्यातरूपकेषु अद्भुतरसपरिशीलनम् डा. यन्. वेङ्कट श्रीनिवासरावः |
77-82 | Sanskrit |
28 | ज्योतिषशास्त्रस्य सिद्धान्तग्रन्थानुसारेण ग्रहणनिरुपणम् डॉ. श्रीनिवासपण्डा |
83-86 | Sanskrit |