S. No. | Manuscript Title & Author | Page No. | Read Article | Language |
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1 | श्रीदेवयानीचरितमहाकाव्ये वर्णितः सदुपदेशः सुस्मिता दासः |
01-03 | Sanskrit |
2 | Where the Mind is Without Fear: A Vedantic Vision of Inner and National Freedom Jayantakumar Panda |
04-07 | English |
3 | संगीतशास्त्रे मुत्तय्यभागवतस्य अवदानम् Mandal Shyamali |
08-09 | Sanskrit |
4 | श्रीमद्भागवतपुराणस्य दशमस्कन्धस्य तद्धितान्तप्रयोगानुशीलनम् Golenur Khatun |
10-14 | Sanskrit |
5 | “विकलांगता: एक समावेशी समाज की दिशा में प्रयास” अविनाश विठ्ठलराव अनेराये, प्रिया |
15-21 | Hindi |
6 | श्रीमद्भागवतमहापुराणे वर्णितसिद्धीनां महत्त्वम् खेमराजः |
22-26 | Sanskrit |
7 | व्याकरणशास्त्रदृष्ट्या अतिदेशस्य लौकिकालौकिकवैशिष्ट्यम् अंकित उपाध्याय |
27-30 | Sanskrit |
8 | भारतीय ज्ञान परंपरा में नाद योग की भूमिका और आधुनिक जीवनशैली में इसकी प्रासंगिकता का अध्ययन सुनील कुमार तिवारी |
31-33 | Hindi |
9 | “वेदव्यासवैशिष्ट्यम्” Dr. S. Sitarama Rao |
34-38 | Sanskrit |
10 | दर्शनं पुरुषोत्तमे डा.निराकार सामन्तरायः |
39-40 | Sanskrit |
11 | भारतीय स्वतन्त्रता के समय वैदिक अध्ययन की स्थितियाँ: एक सिंहावलोकन विद्यावाचस्पतिः प्रो. सुन्दरनारायणझाः |
41-44 | Hindi |
12 | Prohibited Days Of Study And Teaching Practices: Indian Perspective Itishree Swain |
45-47 | English |
13 | Dharma Rajya: Is this conceivable or merely Utopia? Suchi Tomar |
48-54 | English |
14 | उभरते भारत का साहित्य : राष्ट्रबोध डॉ. पूनम कुमारी |
55-60 | Hindi |
15 | वैयाकरणानां मते तद्धिततुलनार्थपूरणार्थप्रत्ययानां विमर्शः राहुल दाँ |
61-66 | Sanskrit |
16 | सृष्टि विकास का भारतीय- चिन्तन डॉ. पूनम कुमारी |
67-71 | Hindi |
17 | “अष्टछाप संप्रदाय और कवि परमानन्द दास का काव्य” सपना कुमारी राय |
72-75 | Hindi |
18 | आधुनिकसंस्कृतसाहित्यलघुकाव्येषु आचार्यव्रजकिशोरनायकवर्याणां योगदानम् प्रियङ्का पण्डा |
76-78 | Sanskrit |
19 | Viriya As A Competency In Dhamma Anil Dhale, Dr. Satyajeet Nanda |
79-81 | English |
20 | सिद्धान्तसुधायाः साहित्यिकपरिशीलनम् प्रज्ञापारमितापण्डा |
82-83 | Sanskrit |
21 | श्रीवैखानसभगवच्छास्त्रोक्त विग्रहाराधने प्रतिष्ठा प्रामुख्यम् रोंपिचर्ल वेङ्कट फणिराम् |
84-86 | Sanskrit |
22 | समग्र और बहुविषयक शिक्षा के लिए एक नया दृष्टिकोण: राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 और भारतीय उच्च शिक्षा का भविष्य डॉ. कुमार बागेवाडिमठ |
87-90 | Hindi |
23 | सार्ववर्णिकमनोरञ्जनसाधनं नाटकम् मानु-दासः |
91-95 | Sanskrit |
24 | आगम के विविध लक्षणों का समन्वय प्रशांत जैन |
96-99 | Hindi |
25 | जैन प्राकृत साहित्य में वैज्ञानिक प्रमेय पारस जैन |
100-104 | Hindi |
26 | न्यायनये प्रमेयतत्त्वस्वरूपविचारः नारायणशर्मा |
105-107 | Sanskrit |
27 | उत्तराखण्डराज्यस्य दुर्गमपर्वतीयक्षेत्रेषु शैक्षिकबाधाः मनोज चंद्र परगाई , प्रो.रजनी जोशी चौधरी |
108-110 | Sanskrit |
28 | वर्तमान परिपेक्ष्य में क्रियायोग की उपयोगिता: एक अनुशीलन डॉ. श्याम सुन्दर पाल, डॉ अशोक भास्कर |
111-116 | Hindi |
29 | श्रीवेङ्कटरमणविरचिते कमलाविजयनाटके मानविकता नैतिकता च मानु-दासः |
117-119 | Sanskrit |
30 | ‘Widowhood’ State of Life or Curse: An Observation in the Light of Mahābhārata Dr. Jnanashree Devi |
120-124 | English |
31 | क्षयरोगस्य कारणेषु निदाने च ज्योतिषदृष्ट्या तात्त्विकविमर्श विश्वजीत मिश्र |
125-129 | Sanskrit |
32 | “श्रावकाचार ग्रंथों में सम्यक्दर्शन, सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चरित्र की त्रिवेणी: एक अध्ययन” कल्पना जैन |
130-132 | Hindi |
33 | ज्ञाननिवर्त्यत्वविचारः Dr. Radhakanta Panda |
133-135 | Sanskrit |
34 | वाक्यपदीये वाचकशब्दभेदस्वरूपम् Sandeep Kothari |
136-138 | Sanskrit |
35 | गायत्री मन्त्र चिकित्सा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन आचार्य इन्द्रजीत शर्मा, जिज्ञासा ठाकुर |
139-145 | Hindi |
36 | ऋषिकुल्यामहाकाव्ये ध्वनिवैचित्र्यम् श्रीअम्लानज्योतिरञ्जनदाशः |
146-149 | Sanskrit |
37 | अन्यथासक्षमच्छात्रेभ्यः शैक्षिकोपकरणानि-समानाधिगमावसराणां प्रदानम् रामापुरम् देवी कल्याणी |
150-151 | Sanskrit |
38 | “ उत्कले लक्ष्मीपुराणम् : एकमान्दोलनम्” डा. स्वर्गकुमारमिश्रः |
152-155 | Sanskrit |
39 | डॉ निरञ्जन मिश्र द्वारा रचित महाकाव्यों की विशेषताएँ (ग्रन्थिबन्धनम् महाकाव्य के विशेष सन्दर्भ में) ज्योति देवी |
156-159 | Hindi |
40 | वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गीता की उपयोगिता डॉ मधु माला सिन्हा |
160-162 | Hindi |
41 | भारतीयज्योतिषशास्त्रानुगुणं मानवजीवने छायाग्रहाणां प्रभावः श्रीजेष् टि |
163-165 | Sanskrit |
42 | प्रकृतिचित्रणादिदृष्ट्या गीताञ्जलीमेधदूतयोर्मध्ये तुलनात्मकमध्ययनम् श्रीमती लेलिमा पधानः |
166-170 | Sanskrit |
43 | शिक्षा का सामाजिक परिवर्तन में योगदान सुश्री.मोनिका शर्मा |
171-174 | Hindi |
44 | सौभाग्यनूपुरं महाकाव्ये दण्डनीतिः विचारः। रश्मिता दलेइ |
175-177 | Sanskrit |
45 | वेदेषु वनस्पतिज्ञानम् Dr. Ashim Chakraborty |
178-181 | Sanskrit |
46 | केनोपनिषदोऽर्थवर्णने वैष्णवाचार्याणां दृष्टिः योगदानञ्च अङ्किता जायसवाल |
182-184 | Sanskrit |
47 | व्यवहारे कुण्डल्यां नाभसयोगविमर्शः राजेन्द्रकुमारझा: |
185-188 | Sanskrit |
48 | श्रौतयागस्य वैदिकसाहित्ये स्वरूपम् रामकिशन शर्मा |
189-191 | Sanskrit |
49 | बौद्धदर्शनरीत्या चित्तम् अविनाशः |
192-193 | Sanskrit |
50 | समाजिक बदलाव में अनुवाद की भूमिका डॉ. सुस्मिता कोरोथ एडवना |
194-199 | Hindi |
51 | शिवतत्वविमर्शः डॉ सोमकृष्ण |
200-202 | Sanskrit |